सीबीआई ने गुजरात में बड़ी कार्रवाई की है। अधिकारियों ने राजकोट में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त (Regional Provident Fund Commissioner) से 20 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में एक निजी सलाहकार को गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी के अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि आरोपी सलाहकार सचिन जशानी ने शिकायतकर्ता से रिश्वत लेने की कोशिश की।
पीएफ कमिश्ननर की ओर से मांगी गई थी रिश्वत
जानकारी के मुताबिक, सचिन जशानी को शिकायतकर्ता व्यवसायी से दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के राजकोट के क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त नीरज सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज किया। अधिकारियों के मुताबिक सचिन जशानी पीएफ कमिश्ननर नीरज सिंह की ओर से रिश्वत ले रहा था। सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि एक सलाहकार और राजकोट के क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
20 लाख की मांगी थी रिश्वत
ऐसा आरोप लगाया गया था कि सलाहकार ने शुरू में क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त और अन्य अज्ञात लोक सेवकों की ओर से शिकायतकर्ता कंपनी पर लगाए गए झूठे ईपीएफओ बकाये के निपटान के लिए 20 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। उन्होंने बताया कि बातचीत के दौरान रिश्वत की मांग को घटाकर 11 लाख रुपये कर दिया गया।
व्यवसायी ने सीबीआई से की शिकायत
सीबीआई ने इस घटनाक्रम में शामिल आरोपियों के खिलाफ जाल बिछाया और उन्हें धर-दबोचा। सीबीआई ने जशानी को रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। सीबीआई ने कहा कि आरोपी के राजकोट स्थित परिसरों पर तलाशी ली गई। एक अधिकारी ने कहा, गिरफ्तार आरोपी को सक्षम अदालत के समक्ष पेश किया गया और सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया। व्यवसायी ने अधिकारी के खिलाफ शिकायत को लेकर सीबीआई से संपर्क किया, जिसके बाद यह गिरफ्तारी की गई थी।