सावन माह के पहले दिन श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी, बाबा विश्वनाथ के दर पर टेका मत्था

सावन माह के पहले दिन श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी, बाबा विश्वनाथ के दर पर टेका मत्था

वाराणसी। काशीपुराधिपति की नगरी सावन माह के पहले दिन मंगलवार से ही केशरिया मय होने लगी है। पहले दिन हजारों श्रद्धालुओं ने दशाश्वमेध घाट पर पवित्र गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और दानपुण्य के बाद श्री काशी विश्वनाथ के स्वर्णिम दरबार में हाजिरी लगाई। स्नान और दर्शन पूजन का सिलसिला भोर से ही चल रहा है।
सावन के पहले दिन कांवड़ियों ने भी गंगा स्नान के बाद बाबा के दर पर हाजिरी लगाई और पावन ज्योर्तिलिंग पर जलाभिषेक किया। पहले दिन नगर के अन्य शिवमंदिरों में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर बाबा के प्रति अगाध श्रद्धाभाव दिखाई। उधर,सावन के पहले दिन नमामि गंगे ने गंगा निर्मलीकरण की कामना से बाबा विश्वनाथ का गंगाभिषेक किया। जनकल्याण की कामना से गंगा द्वार से ही श्री काशी विश्वनाथ और मां गंगा की आरती उतारी। ललिता घाट स्थित गंगाद्वार के किनारे गंगा तट की सफाई करके स्वच्छता का संदेश भी सदस्यों ने दिया। ध्वनि विस्तारक यंत्र से स्वच्छता को संस्कार के रूप में शामिल करने की अपील की गई। गंगाद्वार पर द्वादश ज्योतिर्लिंग और गंगाष्टकम का पाठ किया गया। गंगा जल संरक्षण के लिए सभी संकल्पबद्ध हुए।
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि देवाधिदेव महादेव जन कल्याणकारी हैं। जब भी त्रिभुवन पर संकट के बादल छाते हैं देवाधिदेव उस संकट को आत्मसात कर लेते हैं। पुण्य सावन माह के प्रथम दिन श्री काशी विश्वनाथ और मां गंगा की आरती करके हमने जन कल्याण की कामना की है। गंगा जल संरक्षण हेतु काशीपुराधिपति का गंगाभिषेक किया है ।

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