वरुण आरोन बर्थडे: चोटों ने प्रभावित किया करियर, माना गया था भारतीय तेज गेंदबाजी का भविष्य

नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। 2010-11 विजय हजारे ट्रॉफी फाइनल झारखंड और गुजरात के बीच खेला गया था। झारखंड की तरफ से एक 22 साल के गेंदबाज ने 153 किलोमीटर की रफ्तार से गेंद फेंकी। भारत में आम तौर पर 140 किमी/घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले तेज गेंदबाज कम देखने को मिलते हैं। इसलिए 153 की रफ्तार वाली गेंद फेंकने वाला यह गेंदबाज रातों-रात चर्चा में आ गया। दाएं हाथ के इस गेंदबाज का नाम था वरुण आरोन।
वरुण आरोन का जन्म 29 अक्टूबर 1989 को सिंहभूम (झारखंड) में हुआ था। आरोन को क्रिकेट का शौक बचपन से था और वह तेज गेंदबाजी को लेकर गंभीर थे। 15 साल की उम्र से वह चेन्नई स्थित एमआरएफ पेस अकादमी से जुड़ गए थे। 2008-2009 में झारखंड के लिए रणजी ट्रॉफी में वरुण ने डेब्यू किया। 2010-11 में विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में 153 की रफ्तार से फेंकी गेंद ने उन्हें न सिर्फ चर्चा दिलायी बल्कि राष्ट्रीय टीम का रास्ता भी खोला।
2011 में अक्टूबर में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और नवंबर में वेस्टइंडीज के खिलाफ आरोन ने टेस्ट डेब्यू किया था। उस समय भारतीय टीम के कप्तान एमएस धोनी थे। ऐसा लग रहा था कि धोनी के बाद भारतीय टीम को झारखंड से एक और बड़ा क्रिकेटर मिलेगा। आरोन का दोनों ही फॉर्मेट में प्रदर्शन भी प्रभावी रहा था। लेकिन, चोटों की वजह से इस तूफानी तेज गेंदबाज का करियर प्रभावित रहा और वक्त से पहले ही समाप्त हो गया।
2008-2009 में पीठ में फ्रैक्चर, 2011-12 में पीठ की इंजरी, और 2014 में पैर की इंजरी ने वरुण को क्रिकेट से लंबे-लंबे समय के लिए दूर रखा। वह फिट होते, मेहनत कर वापसी करते, और फिर इंजर्ड हो जाते। 2015 के बाद आरोन को राष्ट्रीय टीम में मौका नहीं मिल सका। 4 साल के इंजरी से प्रभावित रहे करियर में आरोन ने 9 टेस्ट में 18 विकेट और 9 वनडे में 11 विकेट लिए। 66 प्रथम श्रेणी मैचों में 173 और 88 लिस्ट ए मैचों में 141 विकेट वरुण के नाम रहे। आईपीएल के 52 मैचों में 44 विकेट उनके नाम रहे। राष्ट्रीय टीम से बाहर रहने के बाद भी आरोन लगभग 10 साल तक घरेलू क्रिकेट में सक्रिय रहे। 10 जनवरी 2025 को उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
एक ऐसा गेंदबाज जिसे 2010 में भारतीय तेज गेंदबाजी के भविष्य के रूप में देखा जाता था और बल्लेबाज जिनके नाम से खौफ खाते थे, ने चोटों की वजह से प्रभावित करियर को एक साधारण गेंदबाज के रूप में अलविदा कहा। संन्यास के बाद आरोन कमेंट्री के क्षेत्र में सक्रिय हैं। आरोन के विश्लेषण को काफी पसंद किया जाता है।
–आईएएनएस
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