लखनऊ। लखनऊ के सीनियर खिलाड़ी पवन बाथम “प्रोटेक्ट योर क्वीन” शतरंज टूर्नामेंट में टाईब्रेक स्कोर में बेहतर प्रदर्शन के सहारे विजेता ट्रॉफी अपने नाम कर ली। हालांकि उन्हें अंतिम राउंड में शाहजहाँपुर के 14 वर्षीय आयुष सक्सेना से तगड़ी चुनौती मिली। आयुष सक्सेना ने अपनी शातिर चालों के सहारे शीर्ष वरीय पवन को ड्रा खेलने पर मजबूर किया। शहर के एक होटल में आयोजित इस चौंपियनशिप के छठे व अंतिम राउंड के बाद पवन बाथम और आयुष सक्सेना दोनों के 5.5-5.5 अंक रहे लेकिन टाई ब्रेक स्कोर के चलते पवन पहले व आयुष दूसरे पायदान पर रहे। वही महिला वर्ग में ऐमान अख्तर 4.5 अंकों के साथ शीर्ष पर रही जबकि पूजा कश्यप दूसरे और विनीता अग्रवाल तीसरे पायदान पर रहीं। चेस क्लब ब्लैक एंड व्हाइट (सीसीबीडब्ल्यू-लखनऊ) द्वारा इस टूर्नामेंट का आयोजन कुंसकैपकोलन स्कूल की 13 वर्षीय छात्रा प्रिशा गर्ग द्वारा शुरू किए गए जागरूकता अभियान के तहत किया गया। इस बारे में प्रिशा ने बताया कि शतरंज एक ऐसा खेल है जहां लड़के और लड़कियां एक ही स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं लेकिन, कभी-कभी लड़के किसी लड़की से हारने पर उसे चिढ़ाते और परेशान करते हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ शतरंज में ही नहीं, पूरे समाज में, मेरा अभियान समाज में जागरूकता पैदा करने के लिए है। शतरंज यह दिखाने का शानदार तरीका है कि लड़कियां भी सक्षम हैं। टूर्नामेंट के विशेष पुरस्कारों में बेस्ट चेस डैड ता में कुलदीप कुमार को पहला व कनिष्क देव रस्तोगी को दूसरा स्थान मिला। बेस्ट चेस मॉम श्वेता चुनी गयी। बेस्ट चेस -थीम-रॉयल्टी ड्रेस का पुरस्कार अरुण सिंह (जिन्होंने टूर्नामेंट में चमकदार पगड़ी पहनी थी) को दिया गया। मुख्य अतिथि गरिमा गुप्ता (शिक्षाविद् और युवा भारतीय वैज्ञानिक, दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम द्वारा सम्मानित) ने विजेता व उपविजेता खिलाड़ियों को पदक व ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया।