रैपिडएक्स ट्रेन छह कोच की होगी,जरूरत पड़ने पर तीन कोच और बढ़ाए जा सकेंगे

रैपिडएक्स ट्रेन छह कोच की होगी,जरूरत पड़ने पर तीन कोच और बढ़ाए जा सकेंगे

रैपिडएक्स ट्रेनें छह कोच की होंगी। जरूरत पड़ने पर तीन कोच बढ़ाए जा सकेंगे। एनसीआरटीसी ने स्टेशनों का डिजाइन नौ कोच के लिए बनाया है। छह कोच में एक महिलाओं के लिए आरक्षित होगा, एक कोच प्रीमियम होगा। चार कोच सामान्य श्रेणी के होंगे।

रैपिडएक्स के प्राथमिकता खंड पर फिलहाल छह कोच की ट्रेनें चलेंगी। हालांकि एनसीआरटीसी ने सभी स्टेशनों का निर्माण नौ कोच की ट्रेनों के लिए किया है। दिल्ली से मेरठ तक पूरे कॉरिडोर पर परिचालन शुरू हो जाने के बाद अगर जरूरत पड़ी तो ट्रेनों में कोच बढ़ाए जा सकेंगे।

एक ट्रेन में अधिकतम नौ कोच लगाए जा सकते हैं। फिलहाल छह कोच की ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा, एक कोच प्रीमियम श्रेणी के यात्रियों के लिए और चार अन्य कोच स्टैंडर्ड श्रेणी के होंगे। फिलहाल साहिबाबाद से दुहाई डिपो तक महज 17 किलोमीटर के खंड पर रैपिडएक्स ट्रेनों का संचालन शुरू होगा।

ऐसे में माना जा रहा है कि शुरुआती दौर में इनमें सफर करने वाले यात्रियों की संख्या कम रहेगी। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का कहना है कि अगले साल मार्च-अप्रैल तक मोदीनगर साउथ तक इन ट्रेनों का परिचालन शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके बाद जून 2025 में मेरठ तक पूरे कॉरिडोर पर ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा।

इसके बाद मेरठ, मोदीनगर, मुरादनगर और गाजियाबाद से दिल्ली तक और दिल्ली से मेरठ तक सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा। एनसीआरटीसी के अधिकारियों का अनुमान है कि इस कॉरिडोर पर प्रतिदिन 8 लाख यात्री इन ट्रेनों से सफर करेंगे।

 

ऐसी स्थिति में ट्रेनों के कोच बढ़ाने की जरूरत पड़ सकती है। एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स का कहना है कि रैपिडएक्स के सभी स्टेशनों पर प्लेटफार्म की लंबाई नौ कोच की ट्रेनों के अनुसार बनाई गई है। यानी भविष्य में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अगर कोच बढ़ाने की आवश्यकता हुई तो कोच बढ़ाए जा सकेंगे।
प्रीमियम श्रेणी के यात्रियों के लिए अलग होगी एंट्री
छह कोच की इस ट्रेन में प्रीमियम श्रेणी के टिकट पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए एंट्री अलग होगी। प्लेटफार्म के जिस हिस्से में यह कोच आएगा, उसके सामने यात्रियों के लिए कुर्सियां बिछी होंगी, ताकि ट्रेन का इंतजार करना पड़े तो वह आराम से बैठ सकेंगे।
प्लेटफार्म के इस हिस्से में जाने के लिए टोकन या टिकट स्कैन करने से ही एंट्री गेट खुलेगा। इस लाउंज में बैठकर यात्री अपने किसी परिचित के आने का इंतजार कर सकेंगे। स्टैंडर्ड श्रेणी के टिकट पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा नहीं होगी।
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