यूपीएससीआर के सभी 8 जिले मेट्रो व एक्सप्रेस वे से आपस में जुड़ेंगे। इन जिलों को जोड़ने के लिए मोबिलिटी एंड ट्रांसपोर्टेशन का बड़ा नेटवर्क विकसित होगा। पिछले सप्ताह शासन में हुई बैठक में एससीआर परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया। आठ जिलों को जोड़कर बनने वाले एससीआर का दायरा 34000 वर्ग किलोमीटर होगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर यूपी स्टेट कैपिटल रीजन बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हालांकि इस पर 6 महीने से अधिक समय से काम चल रहा है। बीच में इसका प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया था लेकिन अब एक बार फिर इसकी फाइल खोली गई है। खुद सीएम के निर्देश पर अधिकारियों ने एक बार फिर इसका काम तेजी से आगे बढ़ाया है। यूपीएससीआर के सभी 8 जिलों को आपस में जोड़ने के लिए बड़ा नेटवर्क तैयार होगा। इसके लिए मोबिलिटी एंड ट्रांसपोर्टेशन का अलग से प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन शहरों को जोड़ने तथा कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नए आउटर रिंग रोड, मेट्रो कॉरिडोर, एक्सप्रेस वे बनाए जाएंगे। पूर्व में प्रस्तावित तथा एक्जिस्टिंग मार्गो तथा मेट्रो का विस्तार होगा।
साथ ही नए कारिडोर भी विकसित होंगे। इसके लिए नए सिरे से सर्वे किया जाएगा। इन आठों शहरों को सीधे एक दूसरे से जोड़ा जाएगा ताकि यहां बिना जाम व परेशानी के लोग आ जा सकें। प्रस्ताव के मुताबिक इन शहरों व जिलों के जाम वाले सभी जंक्शन को भी सुधारा जाएगा। शासन के एक अफसर ने बताया कि जल्दी ही इस परियोजना में गति दिखाई देगी। इसका काम तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
34000 वर्ग किलोमीटर होगा एससीआर का दायरा
शासन ने जो प्रस्ताव तैयार कराया है उसके तहत सभी 8 जिलों को मिलाकर एससीआर का दायरा लगभग 34000 वर्ग किलोमीटर होगा। इसमें लखनऊ और कानपुर सबसे बड़ा क्षेत्र होगा। इन 8 शहरों की जनसंख्या 2.9 करोड़ बताई गई है।
इन 8 जिलों को जोड़कर बनाया जा रहा है यूपीएससीआर
यूपीएससीआर लखनऊ, कानपुर नगर, कानपुर देहात, रायबरेली, उन्नाव, बाराबंकी, सीतापुर तथा हरदोई को मिलाकर बनाया जा रहा है। वर्ल्ड बैंक ने कानपुर तथा लखनऊ रीजन को हाई पोटेंशियल लोकेशन के रूप में चिन्हित किया है। यूपीएससीआर बनने के बाद इन शहरों में औद्योगिक इकाइयों के साथ कॉरपोरेट सेक्टर के बड़े कार्यालय भी स्थापित होंगे। इससे रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।