यज्ञोपवीत की शुद्धता बनाये रखना एक बटुक की सच्ची तपस्या

यज्ञोपवीत की शुद्धता बनाये रखना एक बटुक की सच्ची तपस्या

फतेहपुर। गायत्री शक्ति पीठ मंदिर में गायत्री परिवार की ओर से सोमवार को यज्ञोपवीत संस्कार एवं हवन पूजन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर नौ बटुकों का विधि-विधान से मंत्रोंच्चारण के बीच यज्ञोपवीत संस्कार कराया गया। बाद में भक्तों को प्रसाद वितरित किया गया।
इस मौके पर आचार्य प्रेमशंकर शुक्ला ने बटुकों को यज्ञोपवीत संस्कार के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यज्ञोपवीत संस्कार के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। यज्ञोपवीत की शुद्धता बनाये रखना ही एक बटुक की सच्ची तपस्या होती है। अच्छे आचरण से ही व्यक्ति का समाज में मान-सम्मान बढ़ता है। हिन्दू धर्म में यज्ञोपवीत संस्कार का विशिष्ट महत्व होता है।
इसके पूर्व आचार्य प्रेमशंकर शुक्ला ने नौ बटुकों को विधि-विधान के साथ यज्ञोपवीत संस्कार कराया। इसके बाद हवन पूजन और गायत्री माता की आरती की गई। इस दौरान यज्ञ वेदियों में भक्तों ने हवन पूजन किया।

इस मौके पर डा. आरपी दीक्षित, गिरधारीलाल गुप्ता, सरजू प्रसाद शुक्ला, नमामि गंगे के संयोजक शैलेंद्र शरन सिंपल, रवींद्र सिंह, राजदीश यादव, किरन सिंह, अर्चना सिंह, लक्ष्मी सिंह, माया पांडेय आदि रहे।

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