लखनऊ। उत्तर प्रदेश में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सीएम योगी ने बीते 6 वर्ष में कई बड़े कदम उठाए हैं। इसी क्रम में अब योगी सरकार गर्भवती महिलाओं और शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की अवस्थापना सुविधाओं को और बेहतर बनाने के साथ ही उनको मॉडल केंद्र के रुप में विकसित करने जा रही है। प्रदेश सरकार का मानना है कि सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की अच्छी देखभाल सुनिश्चित हो सकेगी। उनके पोषण और सेहत से संबंधित कार्यशालाओं के जरिए उन्हें अधिक जागरूक किया जा सकेगा।
व्यापक इंतजाम के दिए गए निर्देश
योगी सरकार ने हाल ही में महिला कल्याण एवं बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के आला अधिकारियों को इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि सभी जनपदों के आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, रसोई घर में सिंक के साथ नल से जल की व्यवस्था की जाए। आंगनबाड़ी केंद्रों पर साफ-सफाई के विशेष प्रबंधन के लिए व्यापक इंतजाम पुख्ता किए जाएं। यही नहीं, निर्देशों के क्रम में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को भी अपनी जिम्मेदारी को और गंभीरता के साथ निर्वहन के लिए भी कहा गया है। इसके अनुसार, उत्तर प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को पोषक आहार वितरित किया जाए।
दूसरे चरण का कार्य होगा शुरू
मालूम हो कि विभागीय आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में अपग्रेड किए जाने के लिए प्रथम चरण में 8 आकांक्षात्मक जनपदों के 2349 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए धनराशि 30 मार्च 2023 को आवंटित की जा चुकी है। वहीं 28 मार्च के दूसरे चरण में 38120 आंगनबाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किए जाने के लिए भारत सरकार से धनराशि की मांग की गई है।