मेलबर्न कार दुर्घटना में सिख व्‍यक्ति की मौत के मामले में आरोपी ने स्वीकार किया अपराध

मेलबर्न कार दुर्घटना में सिख व्‍यक्ति की मौत के मामले में आरोपी ने स्वीकार किया अपराध

मेलबर्न, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलियाई काउंटी अदालत के समक्ष 24 वर्षीय एक व्यक्ति ने सोमवार को गैर इरादतन गाड़ी चलाने का अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके कारण पिछले साल मेलबर्न में हुई कार टक्कर में दो बच्चों के सिख पिता की मौत हो गई थी।

पिछले साल 30 अगस्त को मेलबर्न के उत्तर-पश्चिम में बुल्ला-डिगर्स रेस्ट रोड पर एक जीप ने उनकी टोयोटा क्लुगर को टक्कर मार दी थी। हादसे में 44 वर्षीय निरवैर सिंह के सिर और सीने में चोट लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई।

9न्यूज़ चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, कोरी कॉम्पोर्ट, जो ड्रग्‍स के नशे में गाड़ी चला रहा था, विक्टोरियन काउंटी कोर्ट में रोता रहा। उसने स्वीकार किया कि उसे कभी भी गाड़ी नहीं चलानी चाहिए थी।

अदालत को बताया गया कि कोम्पोर्ट 80 किमी/घंटा क्षेत्र में 168 किमी/घंटा की गति से गाड़ी चला रहा था। उसने अपराह्न लगभग 3:30 बजे एक जीप को टक्कर मार दी जो निरवैर के वाहन से टकरा गई।

दुर्घटना से 30 मिनट पहले कोम्पोर्ट दो बार पुलिस से बचकर निकला था। बाद में कई चालकों ने पुलिस को बताया कि वे डर गए थे क्योंकि वह बार-बार लेन बदलकर उनसे आगे निकल रहा था।

सड़क किनारे परीक्षण से पता चला कि वह जीएचबी, मेथामफेटामाइन और केटामाइन के नशे में था।

जीप का ड्राइवर गंभीर चोट से बच गया लेकिन उसने अदालत को बताया कि उसे अभी भी गाड़ी चलाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।

निरवैर की पत्नी हरप्रीत कौर ने कहा कि उनके निधन से उसके दिल में एक खालीपन आ गया है जिसे भरना असंभव लग रहा है।

उसने अदालत से कहा, “हर पल, मेरे विचार उनकी यादों में डूबे रहते हैं।” कौर ने कहा कि वह अपने दो छोटे बेटों के लिए एकमात्र अभिभावक होने का बोझ महसूस करती हैं और अपने दुःख से निपटने के साथ-साथ उनका भी ख्‍याल रखना चाहती हैं।

उनके बच्‍चों ने भी अदालत में अपने बयान लिखे, जिनमें उन्होंने बताया कि वे अपने पिता को कितना याद करते हैं।

लड़कों में से एक ने कहा, “मेरा जीवन बहुत खामोश होगा और आनंदमय नहीं होगा क्योंकि मेरे पिता मेरे साथ नहीं हैं।”

9न्यूज की रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत कक्ष के पीछे बैठा कॉमपोर्ट परिवार के बयान को सुनकर रोने लगा। बाद में उनसे माफी मांगते हुए कहा कि उसका दिल भर आया है और उसे बहुत बुरा लग रहा है।

कॉम्पोर्ट ने स्वीकार किया कि उसे अतीत में मौके दिए गए थे। जेल से रिहा होने के बाद वह “अपना जीवन बदलना और एक बेहतर इंसान बनना चाहता था”।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वह अपने भाई के साथ अंतरराज्यीय स्थानांतरित होने और ड्रग्स और बुरे प्रभावों से दूर अपना जीवन फिर से शुरू करने की योजना बना रहा है।

काउंटी कोर्ट के न्यायाधीश स्कॉट जॉन्स ने मामले को दिसंबर में आगे की सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया ताकि अधिक मनोवैज्ञानिक सामग्री प्राप्त की जा सके। कोम्पोर्ट को अगली सुनवाई तक हिरासत में भेज दिया गया है।

–आईएएनएस

एकेजे

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