मणिपुर में आरक्षण को लेकर भड़की हिंसा के बीच कुछ प्रदर्शनकारियों ने भाजपा विधायक वुंगजागिन वाल्टे पर हमला कर दिया है। विधायक को राज्य से बाहर एयरलिफ्ट कर अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
डीजीपी बोले- कोई बख्शा नहीं जाएगा
मणिपुर के डीजीपी पी डोंगल ने कहा कि हमें सख्त आदेश मिला है कि अगर कोई हिंसा करता है तो उसे बख्शा न जाए। सेना को फ्लैग मार्च के आदेश मिले हैं। वहीं, केंद्र सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को राज्य में अनुच्छेद 355 लागू कर दिया। इसके तहत केंद्र को आंतरिक गड़बड़ी और बाहरी आक्रमण के खिलाफ राज्य की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने का अधिकार मिलता है।
दो दिन में नियंत्रण में आएगी स्थिति
डीजीपी ने कहा कि कुछ बदमाशों ने बिष्णुपुर जिले के एक पुलिस स्टेशन से हथियार लूट लिए और उन्होंने उनसे पुलिस को वापस करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि हथियार और गोला बारूद मिलने के बाद उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की जाएगी। डीजीपी ने कहा कि मणिपुर में स्थिति एक या दो दिन में नियंत्रण में आने की उम्मीद है।
सेना ने किया फ्लैग मार्च
सेना और असम राइफल्स ने शुक्रवार को तीसरे दिन भी मणिपुर के कई अशांत जिलों में फ्लैग मार्च करना जारी रखा, हालांकि विभिन्न इलाकों से छिटपुट घटनाओं की सूचना मिली थी। एक रक्षा प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि कई क्षेत्रों में विशेष रूप से सबसे अशांत चुराचांदपुर जिले में फ्लैग मार्च किया जा रहा है।
इस कारण फैली है हिंसा
मणिपुर में आरक्षण को लेकर हिंसा फैली है। यहां बहुसंख्यत आबादी वाला मैती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा नहीं मिला है। इसके चलते उन्हें केवल घाटी में बसने की इजाजत है। दरअसल, मैती समुदाय के लोगों की संख्य 53 फीसद है और वहीं आदिवासी कुकी और नागा समुदाय जिनकी आबादी 40 फीसद है वो पहाड़ी इलाकों में रह सकते हैं। पहाड़ी क्षेत्र राज्य का 90 फीसद इलाका है।
इसी कानून के कारण मैती समुदाय ने बीते दिनों विरोध प्रदर्शन निकाला था, जिसमें उनकी भिडंत नागा समुदाय से हो गई।