भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं: प्रतुल शाहदेव

रांची, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। बांग्लादेशी घुसपैठियों को लेकर भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि भारत में घुसपैठियों की कोई जगह नहीं है। भारत के संसाधन पर अधिकार सिर्फ यहां के नागरिकों का है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दल वोट बैंक की राजनीति के लिए इन घुसपैठियों को संरक्षण दे रहे हैं और इन्हें आधार कार्ड तक बनवा रहे हैं। भाजपा सत्ता में आने पर इन्हें सीधे तौर पर बाहर करेगी।
रांची में आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह हमारा पुराना सिद्धांत रहा है कि भारत में बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है।
झारखंड की सीएजी रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट ने राज्य में हो रही लूट की पोल खोल दी है। माइनिंग के नाम पर जिस तरह संस्थागत लूट हो रही है, इसे चारा घोटाला-2 कहा जाए तो गलत नहीं होगा। बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों से अवैध खनन सामग्री ढोई जा रही है। यह सब राज्य सरकार की नाक के नीचे और उसके संरक्षण के बिना संभव नहीं है। भाजपा इस मुद्दे को सड़क से लेकर संसद तक जोर-शोर से उठाएगी।
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी तुष्टीकरण नीति से मुस्लिम समुदाय को डराकर रखा और लंबे समय तक उसे मुख्यधारा से दूर रखा। सरकारी आयोगों की रिपोर्ट देखें तो सब कुछ समझ में आता है।
उन्होंने कहा कि कई कारणों से मुस्लिम समाज ने हमें वोट नहीं दिया, लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि कांग्रेस और तुष्टीकरण करने वाली अन्य पार्टियों के असली इरादों को लोग समझ रहे हैं। वे समझ चुके हैं कि सभी समुदायों का समावेशी विकास सिर्फ भाजपा ही सुनिश्चित कर सकती है। भविष्य में हमें वोट भी मिलेंगे।
भाजपा नेता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि जब भी सनातन धर्म की बात आती है, कुछ लोग अकारण ही अतिसंवेदनशील हो जाते हैं। सनातन धर्म से जुड़े नियमों और आचार संहिता का सख्ती से पालन होना चाहिए। यह देश का सबसे प्राचीन धर्म है। हमारा सनातन धर्म ईसाई, इस्लाम और अन्य सभी धर्मों से कहीं अधिक पुराना है। पूजा-पाठ, दीप जलाने या रीति-रिवाज निभाने जैसे हमारे मौलिक अधिकारों से जुड़े किसी भी मामले में तय नियमों का कड़ाई से पालन हो। राज्य सरकार को तुष्टीकरण की राजनीति नहीं करनी चाहिए, वरना इसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे।
उत्तर प्रदेश समेत छह राज्यों में एसआईआर की समय-सीमा बढ़ाए जाने पर भाजपा नेता ने कहा कि एसआईआर एक स्वतंत्र प्रक्रिया है। इसमें चुनाव आयोग को उचित समय चाहिए और बीएलओ तथा अन्य अधिकारियों से मिले फीडबैक के आधार पर समयसीमा बढ़ाई जानी चाहिए। जिन लोगों की अब पात्रता खत्म हो चुकी है या जिन्होंने पलायन कर लिया है, उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाने चाहिए। मतदाता सूची का शुद्धिकरण बहुत जरूरी है।
–आईएएनएस
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