प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत पहले की तुलना में पाकिस्तान को उकसावे के लिए सैन्य बल के साथ जवाब दे सकता है। अमेरिकी खुफिया समुदाय के वार्षिक खतरे के आकलन रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच संकट बेहद गंभीर है। मालूम हो कि पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकवादी समूहों का समर्थन करने का एक लंबा इतिहास रहा है।
भारत दे सकता है पाकिस्तान को करारा जवाब
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत कथित रूप से पाकिस्तानी उकसावे का सैन्य बल के साथ जवाब दे सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच सबसे बड़ा संकट यह है कि दोनों परमाणु संपन्न देश हैं। हालांकि नई दिल्ली और इस्लामाबाद साल 2021 की शुरुआत में नियंत्रण रेखा पर दोनों पक्षों के बीच फिर से संघर्ष विराम के बाद अपने संबंधों में मौजूदा शांति को मजबूत करने के लिए इच्छुक हैं।
भारत विरोधी आतंकवादी समूहों का पाकिस्तान करता है समर्थन
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पाकिस्तान का भारत विरोधी आतंकवादी समूहों का समर्थन करने का एक लंबा इतिहास रहा है। पाकिस्तान अगर भारत को किसी भी प्रकार से उकसाता है तो भारत इसका जवाब आने वाले समय में दे सकता है।
कई क्षेत्रों में हो रही है सैन्य अभियान में बढ़ोतरी
मालूम हो कि अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए दुनिया भर में खतरों की यह वार्षिक रिपोर्ट इंटेलिजेंस कम्युनिटी की सामूहिक अंतर्दृष्टि को दर्शाती है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि कई भौगोलिक क्षेत्रों में देशों के बढ़ते सैन्य अभियान में वृद्धि अंतरराज्यीय संघर्ष की संभावना को बढ़ाते हैं।
गरीबी में हुई बढ़ोतरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के कारण गर कोरोना महामारी और गरीबी में वृद्धि हुई है, जिसके कारण आर्थिक विकास को नुकसान पहुंचा है और असमानता बढ़ा है। रिपोर्ट के मुताबिक, यू्क्रेन में जारी युद्ध ने यह दिखाया है कि अंतरराज्यीय संघर्ष सीधे तौर पर शामिल पक्षों को प्रभावित करने के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा, आर्थिक और मानवीय प्रभाव को व्यापक रूप से प्रभावित कर सकता है।