भारत के लिए बने पहले एयरबस सी-295 विमान ने स्पेन के सेविले शहर में पहली सफलतापूर्वक उड़ान भरी…

भारत के लिए बने पहले एयरबस सी-295 विमान ने स्पेन के सेविले शहर में पहली सफलतापूर्वक उड़ान भरी…

भारत के लिए बने पहले एयरबस सी-295 विमान ने स्पेन के सेविले शहर में पहली सफलतापूर्वक उड़ान भरी। इसी के साथ ही भारत को विमानों की पहली खेप की डिलीवरी इस साल के अंत तक होने का रास्ता भी साफ हो गया है। इससे भारतीय वायुसेना की ताकत में काफी बढ़ोतरी होगी। सी-295 एक सैन्य परिवहन विमान है।

फिलहाल भारतीय सेना अपनी परिवहन जरूरतों के लिए कई दशक पुराने एवरो-748 विमानों पर निर्भर हैं। एयरबस ने सोमवार को बताया कि सी-295 विमान ने पांच मई को स्थानीय समयानुसार सुबह 11:45 बजे उड़ान भरी और यह तीन घंटे की सफलापूर्वक उड़ान भरने के बाद दोपहर पौने तीन बजे वापस लौटा।

एयरबस डिफेंस एंड स्पेस में सैन्य वायु प्रणालियों के प्रमुख जीन-ब्राइस ड्यूमांट ने कहा कि सी-295 की यह पहली उड़ान पहले मेक इन इंडिया एयरोस्पेस कार्यक्रम के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इससे भारतीय वायुसेना दुनिया में सी-295 की सबसे बड़ी आपरेटर भी बन जाएगी। यह कार्यक्रम भारतीय वायुसेना के परिचालन क्षमताओं में सुधार के लिए हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

बता दें कि सी-295 एक सामरिक परिवहन विमान है, जिसे सैन्य कर्मियों और कार्गो की आवाजाही के लिए डिजाइन किया गया है। इसे किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है। यानी दुर्गम स्थानों तक भी रसद व सहायता पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसमें आटो रिवर्स क्षमता है जो कि 12 मीटर चौड़े यानी संकीर्ण रनवे पर 180 डिग्री मुड़ने में सक्षम है। कुल मिलाकर सी-295 विमानों के वायुसेना में शामिल होने के बाद सैन्य सामान लाना-ले जाना और सुविधाजनक व आसान हो जाएगा।

सैन्य परिवहन विमान ने स्पेन के सेविले शहर में तीन घंटे की सफलापूर्वक उड़ान भरी

अभी कई दशक पुराने एवरो-748 पर निर्भर है भारतीय वायुसेना

साल के अंत तक वायुसेना को सी-295 की पहली खेप मिलने की संभावना

भारत ने 56 विमानों के लिए किया है 21 हजार करोड़ का सौदा

सितंबर 2021 में भारत ने एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 56 सी-295 विमान खरीदने के लिए लगभग 21 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था। इन विमानों को भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो-748 विमानों से बदला जाएगा।

सौदे के तहत 16 सी-295 विमानों की आपूर्ति सितंबर 2023 से अगस्त 2025 के बीच की जाएगी। एयरबस 2025 तक सेविले से “फ्लाई-अवे” स्थिति में पहले 16 विमान देगा। शेष 40 विमानों को भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) द्वारा गुजरात के वड़ोदरा में निर्मित और असेंबल किया जाएगा। पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वडोदरा में विमानों की निर्माण सुविधा की आधारशिला रखी थी।

E-Magazine