वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी की सब्जियों की 28 किस्मों को सरकारी गजट में शामिल किया गया है। उप महानिदेशक बागवानी, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली डॉ ए.के. सिंह की अध्यक्षता में बागवानी फसलों की किस्मों का विमोचन किया गया । फसलों की किस्मों का विमोचन एवं अधिसूचना, मानक की केंद्रीय उप समिति की 30 वीं बैठक कृषि भवन नई दिल्ली में संपन्न हुई। इस बैठक में देश भर से सब्जियों की किस्मों को अधिसूचित किया जाता है।
भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी की ओर से संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न फसलों में अधिसूचना के लिए प्रस्ताव दिया गया था । बैठक में समिति की ओर से सभी 28 किस्मों को अधिसूचित करने की अनुमति दी गई, जिसमें से 19 उत्तर प्रदेश सरकार और 9 अखिल भारतीय सब्जी परियोजना के द्वारा रिलीज की गई थी। संस्थान के निदेशक डॉक्टर तुषार कांति बेहरा ने कृषि वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई दी और कहा कि इन किस्मों को राजपत्र में अधिसूचित होने के बाद किसानों के बीच पहुंचाया जाए जिससे किसान अच्छी गुणवत्ता के पैदावार ले सके।
इन सब्जियों को मिली नई राष्ट्रीय पहचान, राजपत्र में अधिसूचित
चौलाई में काशी चौलाई-1, कलमी साग में काशी मनु, पंखिया सेम में काशी अन्नपूर्णा, मटर में काशी पूर्वी एवं काशी तृप्ति, भिंडी में काशी सहिष्णु, काशी प्राक्रम, काशी उत्कर्ष, बैंगन में काशी उत्सव, काशी मोदक एवं काशी उत्तम, मिर्च में गरिमा, बाकला में काशी संपदा, तरबूज में काशी मोहिनी, पालक में काशी बारहमासी, परवल में काशी परवल-141, टिंडा में काशी हरी, तोरई में काशी नन्दा, चिकनी तोरई में काशी वंदना, खीरा में काशी नूतन, सेम में काशी बौनी सेम 14, काशी बौनी सेम 18, ककड़ी में काशी विधि, मूली में काशी ऋतुराज, करेला में काशी प्रतिष्ठा, लौकी में काशी शुभ्रा एवं अधिक तापमान में उगने वाले टमाटर की दो किस्में काशी तपस एवं काशी अद्भुत को राष्ट्रीय पहचान मिली है ।