एक भारतीय मूल की महिला को ब्रिटेन के शिक्षा विभाग द्वारा लगभग दो साल के लिए शिक्षण से प्रतिबंधित कर दिया गया है। दरअसल, उसने 2018 में एक स्कूल में अपने खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के आरोपों को छुपाया था। महिला की पहचान दीप्ति पटेल के तौर पर की गई है।
स्कूल से छुपाई खुद पर लगे आरोपों की बात
दीप्ति पटेल ने उनके घर पर सशस्त्र चोरी की घटना होने की जानकारी दी और परिवार ने हजारों पाउंड के लिए बीमा का दावा किया था, लेकिन एक जांच में पाया गया कि यह एक काल्पनिक चोरी थी और बीमा दावा गलत था। इसके बाद पटेल पर धोखाधड़ी अधिनियम के तहत एक अपराध का आरोप लगाया गया था, लेकिन जब उसे दोषी ठहराया गया, तब उसने स्कूल को मामले के बारे में बताया।
झूठ बोलकर ली स्कूल से छुट्टी
रिपोर्ट में कहा गया है कि पटेल ने स्कूल में छुट्टी के आवेदन पर भी झूठ लिखा था। उसे सुनवाई के लिए सेंट एल्बंस क्राउन कोर्ट में पेश होना था, लेकिन उसे आवेदन में लिखा था कि उसे अपने बच्चे को अपॉइंटमेंट पर ले जाना है।
पैनल ने की पूरे मामले की जांच
उसके बाद पटेल को मैनचेस्टर अकादमी द्वारा टीचिंग रेगुलेशन एजेंसी (टीआरए) के लिए भेजा गया। पटेल के आचरण पर गौर करने वाले एक स्वतंत्र पैनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “शिक्षकों को उस स्कूल के नीतियों और प्रथाओं के लिए उचित और पेशेवर सम्मान होना चाहिए, जिसमें वे पढ़ाते हैं और अपनी उपस्थिति और समय की पाबंदी में उच्च मानकों को बनाए रखते हैं।”
शिक्षा विभाग से पैनल ने की सिफारिश
पैनल ने अपनी जांच के दौरान पाया कि पटेल का आचरण स्कूल की ओर से निर्धारित किए गए मानकों से काफी कम था। जिसके बाद पैनल ने 12 मई को शिक्षा विभाग से सिफारिश की कि उसे उसके पेशे से लगभग दो सालों के लिए प्रतिबंधित कर दिया जाए, जिसको विभाग ने स्वीकार कर लिया। जारी आदेश के मुताबिक, पटेल इंग्लैंड के किसी भी स्कूल, छठे फॉर्म कॉलेज, प्रासंगिक युवा आवास या बाल गृह में अगले दो सालों तक पढ़ा नहीं सकती है