भाजपा की 27 जुलाई से निकलेगी स्नेह यात्रा

भाजपा की 27 जुलाई से निकलेगी स्नेह यात्रा

लखनऊ। यूपी में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर पसमांदा मुसलमानों को लुभाने के लिए भाजपा 27 जुलाई से स्नेह यात्रा निकालेगी। भारतीय जनता पार्टी ने मिसाइलमैन के नाम से मशहूर पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर दिल्ली से पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा शुरू करने की योजना बनाई है। उत्तर प्रदेश बीजेपी संगठन ने भी जोरदार तैयारी की है। यात्रा देश के दर्जन भर राज्यों से गुजरेगी और समापन कलाम साहब की ही जन्मतिथि पर हरियाणा के मेवात में होगा।यात्रा की शुरूआत को हरी झंडी भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिखा सकते हैं और समापन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर सकते हैं। अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी के मुताबिक अल्पसंख्यक मोर्चा तय किया गया कि पार्टी पीएम मोदी के निर्देशानुसार देश के पसमांदा मुसलमानों को सम्मान के साथ उत्थान की ओर ले जाने के लिए काम करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश का मुसलमान तोपिछड़ा है ही लेकिन पसमांदा समाज अति पिछड़ा है और उन्हें देश की विकास यात्रा के साथ जोड़ना है। अल्पसंख्यक मोर्चा ने श्पसमांदा स्नेह संवाद यात्राश् शुरू करने का फैसला किया है जिसका पंचलाइन है सम्मान से उत्थान की ओर। मोर्चा देश के मुसलमानों को यह समझाना चाहती है कि उनके हीरो मिसाइलमैन कलाम साहब हैं, औरंगजेब या टीपू सुल्तान नहीं। पार्टी मिसाइलमैन एवं देश के पूर्व राष्ट्रपति कलाम साहब की पुण्यतिथि पर 27 जुलाई को दिल्ली से पसमांदा स्नेह संवाद यात्रा शुरू करेगी। यात्रा दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान होते हुए हरियाणा पहुंचेगी। यात्रा का समापन कलाम साहब की जन्मतिथि पर 15 अक्टूबर को हरियाणा के मेवात में किया जाएगा, जहां सबसे ज्यादा पसमांदा समाज के लोग हैं और मोर्चा समापन कार्यक्रम में शामिल होने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के मुताबिक भाजपा देशभर में समाज के सभी वर्गों और धर्मों के लोगों तक पहुंचकर उनको अपने साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है।2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, देश के अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय को लगातार पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश कर रहीं है। मुस्लिम समाज के सबसे बड़े वर्ग पसमांदा मुसलमानों को लुभाने की कोशिश है।भाजपा पसमांदा समाज के साथ सूफी मुसलमानों को भी पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही है। पसमांदा मुस्लिम दलित और बैकवर्ड मुस्लिम माने जाते हैं। पसमांदा समुदाय काफी समय से सरकारी नौकरियों में कोटा मांगता रहा है।कई राज्य सरकारों ने पसमांदा यानि गरीब मुसलमानों को कोटा दिया है। कुल वोट में मुस्लिम 15 फीसदी माना जाता है। 10वां हिस्सा भी भाजपा को मिल जाये तो यह कुल वोट का 1.5 प्रतिशत होगा। पार्टी के कई उम्मीदवार कुछ चुनाव 1 प्रतिशत से भी कम मार्जिन से हारे जाते हैं।ऐसे में यह रणनीति बीजेपी के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है। 2024 के आम चुनाव में बीजेपी ज्यादा पसमांदा मुस्लिमों को टिकट दे सकती है, लेकिन उससे पहले समान नागरिक संहिता को लेकर मुस्लिम समाज में कई भ्रम पल रहे हैं, जिन्हें दूर करने की कोशिश की जाएगी। भाजपा का मानना है कि भरम दूर करना जरूरी है, जिसमें अल्पसंख्यक मोर्चा बड़ी भूमिका निभाएगा।

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