वाराणसी। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर काशी का मान बढ़ाया है। देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों में बीएचयू को पांचवां स्थान मिला है। एनआईआरएफ रैंकिंग के अनुसार ये स्थान बीएचयू को मिला है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार, के अंतर्गत नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क ने रैंक जारी किया है। सोमवार को केन्द्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह ने नई दिल्ली में यह रैंकिंग जारी की। रैंकिग जारी होने पर बीएचयू में हर्ष की लहर दौड़ गई। कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन ने विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों को इस सफलता का श्रेय दिया। रैंकिंग के अनुसार बीएचयू ने विश्वविद्यालय श्रेणी में 65.85 अंकों के साथ पांचवां स्थान प्राप्त किया है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले एक स्थान ऊपर है। इस श्रेणी में देश भर से 100 संस्थानों को रैंकिंग में शामिल किया गया है। साथ ही साथ काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने ओवरऑल श्रेणी में 67.21 अंकों के साथ अपने ग्यारहवें स्थान को भी बरकरार रखा है।
विवि के जनसम्पर्क अधिकारी के अनुसार नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क द्वारा जारी इस रैंकिंग में इस वर्ष कृषि व संबद्ध क्षेत्र की नई श्रेणी जोड़ी गई है। इस श्रेणी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय को 63.68 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रखा गया है। इस श्रेणी में देश भर से 40 संस्थानों को रैंक किया गया है। गौरतलब है कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित कृषि विज्ञान संस्थान अपनी विशेषज्ञता, शिक्षा व अनुसंधान के लिए भारत ही नहीं, अपितु विश्व भर में विख्यात है। दंत चिकित्सा के मामले में भी बीएचयू ने शानदार प्रदर्शन किया है। वर्ष 2022 के मुकाबले अपनी रैंकिंग में तीन स्थान का सुधार करते हुए विश्वविद्यालय को इस वर्ष 18वां स्थान प्राप्त हुआ है। रैंकिग में उत्तर प्रदेश में बीएचयू के अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को 9वां स्थान मिला है। इस सूची में आईआईएससी बैंगलोर देश में शीर्ष स्थान पर है।
जेएनयू दिल्ली को देश में दूसरा स्थान,जामिया मिलिया इस्लामिया को तीसरा स्थान और जादवपुर विश्वविद्यालय कोलकाता को देश में चौथा स्थान दिया गया है। इसी तरह मणिपाल अकादमी मणिपाल को सूची में 6वां स्थान मिला हैं। राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क भारत में उच्च शिक्षा के सभी संस्थानों को रैंक करने के लिए, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अपनाई गई एक पद्धति है। फ्रेमवर्क को मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया और मानव संसाधन विकास मंत्री ने 29 सितंबर, 2015 को लॉन्च किया।