बिलकिस बानो द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई नौ मई तक टाल दी है। 2002 के गोधरा दंगों के बाद बिलकिस बानो से सामूहिक दुष्कर्म और उनके परिवार के सदस्यों की हत्या के मामले में दोषी 11 लोगों को बीते साल दी गई छूट को लेकर पीडि़ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में पिछली सुनवाई के दौरान बिलकिस बानो मामले में दोषियों को सजा में छूट को चुनौती देने वाली याचिकाओं को दो मई को अंतिम निस्तारण के लिए सूचीबद्ध किया था।
मंगलवार को जस्टिस केएम जोसेफ और बीवी नागरत्ना की पीठ ने इसपर सुनवाई शुरू की। इस दौरान केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से पेश सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि वे किसी विशेषाधिकार का दावा नहीं कर रहे हैं। साथ ही 27 मार्च के आदेश की समीक्षा के लिए कोई याचिका दायर नहीं कर रहे हैं। दरअसल, पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोषियों को दी गई छूट के संबंध में मूल रिकार्ड पेश करने के लिए कहा था।
इस पर केंद्र और गुजरात सरकार ने कहा था कि वे इस आदेश पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करना चाहते हैं। जिसके बाद कोर्ट ने उनसे इस पर रुख साफ करने को कहा था कि वे पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे या नहीं।