बिना माइन टैग वाले वाहनों का खनन पट्टा क्षेत्र, भण्डारण स्थल पर 01 जुलाई से प्रवेश प्रतिबंध

लखनऊ। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में प्रदेश में उपखनिजों के खनन व परिवहन पर विशेष रूप से नजर रखी जा रही है। खनन विभाग द्वारा ठोस व प्रभावी रणनीति बनाकर लगातार प्रवर्तन कार्यवाही की जा रही है। निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग डा.रोशन जैकब ने फर्जी धुंधले से अधिक नम्बर प्लेट लगाकर उपखनिजों का परिवहन करने वाहनों, लोगों के प्रति बहुत सख्त रूख अख्तियार किया है। पिछले दिनों उप खनिजों के परिवहन की औचक जांच में ऐसे तथ्य प्रकाश में आये हैं। वाहनों में नम्बर प्लेट मिटाकर या उसमे धब्बे बना देना या नम्बर स्पष्ट न दिखने जैसे खेल खेलने वाले मामले भी प्रकाश में आये हैं और अस्पष्ट नम्बर वाले वाहन पकड़ में आये हैं। खनन निदेशक ने स्पष्ट किया है कि सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट अनिवार्य है। गलत नम्बर प्लेट लगाकर खनन परिवहन करने वाले वाहनों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जायेगी। प्रदेश में सघन चेकिंग अभियान चल रहा है। प्रवर्तन कार्यवाही का मकसद, खनन में ओवरलोडिंग के विरुद्ध जीरो टालरेन्स नीति का शत -प्रतिशत पालन कराना है और ओवरलोडिंग रोककर सड़कों की सुरक्षा के साथ साथ राजस्व में इजाफा करना है। इस सम्बन्ध में खनन विभाग द्वारा जिलाधिकारियों को जारी परिपत्र में कहा है कि समय-समय पर खनिजों के परिवहन की जाँच के दौरान पाया गया है कि कुछ वाहनों द्वारा फर्जी धुंधले एक से अधिक नम्बर प्लेट लगाकर उपखनिजों का परिवहन करते हैं। भारत सरकार द्वारा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट अनिवार्य किया गया है जबकि जाँच के दौरान प्रायः यह देखा गया है कि खनिजों का परिवहन करने वाले कतिपय वाहनों में अभी भी हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट नही लगाया गया है। वाहनों के चेक-गेट से गुजरने के दौरान नम्बर प्लेट सही नही होने के कारण उनकी जाँच नहीं हो पाती है। चेक गेट एवं एम चेक एप के माध्यम से की गयी जाँच में यह भी देखा गया है कि कार्यवाही के उपरान्त भी कई वाहन बार-बार ईएमएम-11 में अंकित मात्रा से अधिक मात्रा में खनिजो का परिवहन कर रहे है। निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में खनिजों के परिवहन से एक ओर जहाँ राजस्व की क्षति होती है, वहीं दूसरी ओर सड़के भी क्षतिग्रस्त होती है। डा जैकब ने ऐसे सभी प्रकरणों में खनन, परिवहन विभाग तथा जिला प्रशासन के समन्वय से विसंगतियों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु व्यापक दिशा निर्देश जारी किए हैं। जिलाधिकारियों को जारी निर्देशो में कहा है कि हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट वाहनों के लिये अनिवार्य है। पट्टाधारकों को निर्देशित करते हुये सुनिश्चित किया जाय कि खनिजों का परिवहन उन्हीं वाहनों से हो, जिनपर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगा हो। हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट न होने की स्थिति में वाहनों को खनन पट्टों भण्डारण स्थल में प्रवेश न दिया जाय।बिना आईएसटीपी के खनिज का परिवहन पाये जाने पर वाहन में लदे सम्पूर्ण खनिज को अवैध मानते हुये उस पर रायल्टी, खनिज मूल्य एवं शास्ति की वसूली की जाय। खनिजों के अवैध परिवहन ओवरलोडिंग की जाँच हेतु खनिजों का परिवहन करने वाले सभी वाहनों में माइन टैग अनिवार्य किया गया है। 01जुलाई से जिन वाहनों में माइन टैग न लगा हो अथवा माइन टैग मैपड न हो ऐसे वाहनों के लिये अभिवहन प्रपत्र ई-एमएम-11, ई-प्रपत्र-सी, आईएसटीपी का निर्गमन तथा खनिजों का परिवहन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। बिना माइन टैग वाले वाहनों के खनन पट्टा क्षेत्र अथवा भण्डारण स्थल पर प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा।अपर निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म विपिन कुमार जैन ने बताया कि अवैध परिवहन ओवरलोडिंग के सम्बन्ध में माइन मित्रा पोर्टल पर इन्टीग्रेटेड माइन सर्विलांस सिस्टम से निर्गत ई-चालान की प्रति परिवहन विभाग को ई-मेल के माध्यम से प्राप्त होती है। जिन वाहनों के खनिज परिवहन से सम्बन्धित ई-चालान लम्बित हो, परिवहन विभाग द्वारा वाहनों के फिटनेश परमिट नवीनीकरण के समय चालानों का संज्ञान लेते हुये कार्यवाही की जाएगी तथा इस बिन्दु को जिलाधिकारी समीक्षा बैठक में शामिल करेंगे।

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