बारिश के चलते मलबा आने और सड़क टूटने धंसने से एक दर्जन से अधिक सड़कें बंद हैं..

बारिश के चलते मलबा आने और सड़क टूटने धंसने से एक दर्जन से अधिक सड़कें बंद हैं..

सीमांत में बारिश का दौर जारी है। बारिश के चलते मलबा आने और सड़क टूटने धंसने से एक दर्जन से अधिक सड़कें बंद हैं। गंगोलीहाट- चौरपाल मार्ग में कई मीटर सड़क धंस चुकी है। बलुवाकोट से धारचूला के मध्य नया बस्ती के मध्य बंद मार्ग बंद पड़ा हुआ है। चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट -लिपुलेख मार्ग पेलसिती के पास मलबा आने से बंद हो गया है।

 दारमा में बारिश से चल गांव के पास नाला ऊफान पर आ गया था। जंगलों में कीड़ा जड़ी दोहन के लिए गए ग्रामीणों को वापस लौटते समय नाला पार करना पड़ा। ऊफान पर आए नाले तक पहुंचने के लिए उन्‍हें रस्सियों का सहारा लेना पड़ा। इस सूचना के बाद एसडीआएफ, एनडीआरएफ की टीम भेजी गई। प्रशासन से मिली सूचना के अनुसार जिले में कही भी बादल नहीं फटा है। किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है।

धौलीगंगा नदी में एक ट्राली बही

ग्रामीणों के अनुसार दारमा के चल गांव को जोड़ने वाली धौलीगंगा नदी में एक ट्राली बह गई है। चल के ग्रामीण दिनेश सिंह चलाल ने एसडीएम धारचूला से इस स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था की मांग की है। कीड़ा-जड़ी के लिए जंगल गए लोगों को भारी बारिश के बीच चट्टानी मार्ग से और ऊफान पर आए नाले को पार करने में भारी परेशानी झेलनी पड़ी। जान हथेली पर रख ग्रामीण लौटे।

धारचूला के निकट दोबाट में टनकपुर तवाघाट हाईवे बंद होने से चीन सीमा का संपर्क भंग है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम व उच्च हिमालय को जाने वाले वाहन दोबाट में फंसे हैं। वहीं धौलीगंगा नदी में ट्राली बहने और 200 सौ लोगों के फंसने की कोई सूचना नहीं है। प्रशासन के अनुसार किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है। जिले में 13 मार्ग बंद है। 

चीन सीमा का सम्पर्क भंग

चीन सीमा तक जाने वाला तवाघाट -लिपुलेख मार्ग पेलसिती के पास मलबा आने से बंद हो गया है। मार्ग बंद होने से उच्च हिमालय गए वाहन फंसे हैं। धारचूला से तवाघाट के मध्य दोबाट में और तवाघाट -पांगला के मध्य मलघाट के पास भी मलबा आ चुका है।

तवाघाट – लिपुलेख मार्ग में पेलसिती और मलघाट के पास मार्ग बंद हो्ने से व्यास घाटी का सम्पर्क भंग हो चुका है। चीन सीमा से लगे गांव अलग-थलग पड़ चुके हैं। उच्च हिमालय से लौट रहे वाहन फंसे हुए हैं। बीआरओ द्वारा मलबा हटाने के कार्य किया जा रहा है।

पिथौरागढ़ में एक दर्जन से अधिक सड़कें बंद, एक लाख लोग प्रभावित

सीमांत में बारिश का दौर जारी है। बारिश के चलते मलबा आने और सड़क टूटने, धंसने से एक दर्जन से अधिक सड़कें बंद हैं। गंगोलीहाट- चौरपाल मार्ग में कई मीटर सड़क धंस चुकी है। सातसिलिंग -थल मार्ग पर दो पूर्व गिरा मलबा नहीं हटाए जाने से वाहन संचालन प्रभावित हो रहा है। सड़क के किनारे सुरक्षा दीवार नहीं होने से दुर्घटना का अंदेशा बना है। जिले में एक दर्जन से अधिक सड़कें बंद हैं। जिससे एक लाख से अधिक की आबादी प्रभावित है।

थल से मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से चार तहसीलों को जोडऩे वाल सातसिलिंग -थल मार्ग पर थल से पांच किमी की दूरी पर स्थित तड़ीगांव के पास विगत दो दिनों से मलबा आने से यातायात प्रभावित हुआ है। इस स्थान पर किनारे की तरफ सुरक्षा दीवार नहीं होने से सड़क धंस रही है। पहाड़ की तरफ मलबा जमा होने से वाहन किनारे की तरफ चल रहे हैं। जिसके चलते वाहन दुर्घटना की संभावना बनी है।

क्षेत्र पंचायत सदस्य एवं समाज सेवी सूरज रावत ने बताया कि इस स्थान पर स्थिति खतरनाक बनी है। डिगोटी के पास भी मलबा आया है। मानसून काल में सड़क से तत्काल मलबा हटाने के आदेश के बाद भी लोनिवि अब तक मलबा नहीं हटाया है। गंगोलीहाट से मिली जानकारी के अनुसार क्षेत्र में लगातार बारिश से गंगोलीहाट -चौरपाल मोटर मार्ग में बीस मीटर से अधिक सड़क धंस चुकी है। वाहन संचालन बंद हो गया है। वाहन फंसे हैं। वहीं एनएच 309ए में पनार – गंगोलीहाट- बेरीनाग मार्ग में डूनी केपास मलबा आने से यातायात बाधित रहा। मलबा हटाकर मार्ग छोटे वाहनों के लिए खुल चुका है और भारी वाहन फंसे हैं।

नाचनी से प्राप्त समाचारों के अनुसार लगातार बारिश के चलते थल -मुनस्यारी मार्ग पर नया बस्ती के पास मलबा गिर रहा है। दिन में मार्ग आधा दर्जन बार बंद हुआ। लोनिवि द्वारा यहां पर लोडर मशीन लगाई गई है। गुरु वार सुबह मलबा आने से बीस से अधिक सड़कें बंद थी दिन में कुछ सड़कें खुलने के बाद एक दर्जन ग्रामीण सड़कें बंद हैं। सड़कें बंद होने से एक लाख से अधिक की ग्रामीण आबादी प्रभावित है। ग्रामीणों को पैदल चलना पड़ रहा है। जिले की प्रमुख काली नदी का जलस्तर चेतावनी लेबल के पास बह रहा है। अन्य गोरी, रामगंगा और सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।

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