बांदा के शजर पत्थर को मिला जीआई टैग

बांदा के शजर पत्थर को मिला जीआई टैग

बांदा। जिले के प्रमुख उत्पाद शजर पत्थर को जीआई टैग मिलने से कारोबारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। एक जिला-एक उत्पाद के तहत शजर पत्थर को पहले ही पहचान मिल चुकी है और जीआई टैग मिलने से इस उद्योग को पंख लग जाएंगे। बांदा की नई डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि शजर पत्थर को जीआई टैग प्राप्त हो चुका है। इससे कारोबारी शजर पत्थर को पूरे देश में पहुंचा सकते हैं। जीआई टैग एक प्रकार का मुहर है, जो किसी भी प्रोडक्ट के लिए प्रदान की जाती है। इस मोहर के प्राप्त होने जाने के बाद प्रोडक्ट को विशेष महत्व प्राप्त हो जाता है। साथ ही साथ उस क्षेत्र को सामूहिक रूप से इसके उत्पादन का एकाधिकार प्राप्त हो जाता है। इसके लिए शर्त यह है कि उस वस्तु का उत्पादन या प्रोसेसिंग उसी क्षेत्र में होना चाहिए, जहां के लिए टैग किया जाना है। जीआई टैग के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होंगे। कहा कि सजल पत्थर कि देश और दुनिया में अलग पहचान होगी। जीआई टैग जनपद की समृद्ध संस्कृति और सामूहिक बौद्धिक विरासत का हिस्सा बनेगा। जनपद के स्ट्रेजर को जीआई टैग गुणवत्ता का आश्वासन देता है। साथ ही साथ जिले के अलावा कहीं भी शजर का कारोबार नहीं होगा। किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है, उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है। जिसे जीआई टैग यानी जीओ ग्राफिकल इंडीकेटर कहते हैं। जिसे हिंदी में भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है।

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