बंदियों के बच्चों का पढ़ाएगा आर्य समाज

बंदियों के बच्चों का पढ़ाएगा आर्य समाज

आगरा। महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आगरा के सेंट्रल जेल में वैदिक सत्संग का आयोजन हुआ। अन्तर्राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता आचार्य आनंद पुरुषार्थी ने घोषणा की कि कैदियों के बेटों को आर्य समाज अपने गुरुकुल में पढाएगा। कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रों के साथ हुआ। विश्व के करीब 15 देशों में वैदिक सत्संग कर चुके प्रवक्ता अचार्य आनंद पुरुषार्थी ने घोषणा की कि आर्य समाज अपने गुरुकुल में बंदियों के 5वीं पास होनहार बच्चों को शिक्षित करेगा। यदि कोइ बंदी अपने बच्चों को सनातन शिक्षा में शिक्षित एवं संस्कारित करना चाहता है तो उनसे संपर्क करे। बच्चों को आदर्श गुरुकुल में शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने बंदियों को प्रेरणा दी कि जीवन जीने की कला सीखनी है तो मूक प्राणियों से सीखिए। मुर्गे से बांट कर खाने की आदत, कौए से अच्छी चीजों के संग्रह करने की आदत, गधे से मेहनत जैसे गुण मनुष्य यदि आत्मसात कर ले तो उसका जीवन सरल और सुगम बन जाएगा। डीआईजी आरके मिश्रा ने कहा कि पानी को कोई जल कहता है तो कोई आब कहता है लेकिन पानी तो पानी ही रहता है। इसलिए धर्म के मर्म को समझना है तो निरपेक्ष सोच रखनी होगी। मनोज खुराना ने प्रेरणा दी कि धर्म का मर्म समझने के लिए कर्म करना होगा। एडवोकेट विजय पाल सिंह चौहान, प्रेमा कनवर ने भी बंदियों का मार्गदर्शन किया। वैदिक सत्संग के बाद कारागार के पुस्तकालय के लिए आर्य समाज की आदर्श पुस्तकें भेंट की गईं। बंदियों को पेठे का वितरण किया गया। जेलर आलोक सिंह, विशाल भारद्वाज, साक्षी चौधरी, मंत्री आर्य समाज अनुज आर्य आदि मौजूद रहे।

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