फसलों पर लग रहे कीट-पतंगों से प्रभावित होता है उत्पादन : मौसम वैज्ञानिक

फसलों पर लग रहे कीट-पतंगों से प्रभावित होता है उत्पादन : मौसम वैज्ञानिक

कानपुर। पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता से मौसम में बराबर बदलाव हो रहा है। कभी आसमान में बादल छा रहे हैं, तो कभी तेज हवाएं चल रही हैं। इससे जायद की खड़ी फसल पर तमाम प्रकार के कीट-पतंगों का प्रकोप बढ़ रहा है। इन कीट-पतंगों पर अगर समय से दवा का छिड़काव न किया गया तो यह फसल उत्पादन को प्रभावित करेंगे और किसान भाइयों को आशातीत लाभ नहीं मिल सकेगा। यह बातें मंगलवार को सीएसए के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने कही।

चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय (सीएसए) के एक्रिप ऑन एग्रोमीटरोलॉजी सेंटर के तहत एससी-एसटी योजना के अंतर्गत चयनित गांव के अनुसूचित जाति के किसानों को लाभान्वित आमदनी बढ़ाने (दोगुनी) के लिए एक दिवसीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन नानामऊ ग्राम पंचायत में किया गया। यहां पर किसानों को कीट पतंगों को नियंत्रित करने के लिए जिनाग (आर्गेनिक घुलनशील उर्वरक) और साइपर 25 (कीटनाशक दवा) वितरित की गई। कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने किसानों को जलवायु परिवर्तन का कृषि फसलों व पशुओं पर प्रभाव एवं बचाओ विषय पर जानकारी दी। फसल को कीट पतंगों से कैसे बचाएं एवं जलवायु परिवर्तन से हो रहे मौसमी बदलाव जैसे अधिक बारिश, अधिक ठंडक, वर्षा के दिन कम होना आदि से बचाव की भी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि एससी-एसटी योजना भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केंद्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान के सहयोग से चलाई जा रही है। इस योजना के जरिये नानामऊ ग्राम पंचायत के ग्राम गोहांलिया पुरवा, कुशहा एवं ढाका पुरवा के किसानों को जलवायु परिवर्तन से संबंधित हो रहे नुकसान एवं उसके बचाव के बारे में बताया गया। इसके साथ ही किसानों के सवालों का भी वैज्ञानिक ढंग से जवाब दिया गया। इस दौरान सीवी सिंह, डॉ. अजय मिश्रा, हरिओम द्विवेदी आदि मौजूद रहे।

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