प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजकीय यात्रा के बाद 24 जून शनिवार को मिस्र के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे हैं। प्रधानमंत्री 24 से 25 जून तक मिस्र की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने और कारोबार एवं आर्थिक सहयोग के नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा होगी।
अपनी पहली यात्रा के दौरान पीएम मोदी उन बहादुर भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान मिस्र और फिलिस्तीन में लड़ाई लड़ी और शहीद हो गए थे।
काहिरा में भारत के राजदूत अजीत गुप्ते ने शुक्रवार को कहा कि भारत और मिस्र दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं और हमारे संबंध चार हजार साल से भी ज्यादा पुराने हैं। उन्होंने कहा कि सदियों से हमारे समुद्री संपर्क रहे हैं और हाल के वर्षों में, खासतौर पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी और प्रधानमंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद, संबंध और भी मजबूत हुए हैं।
नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम पर एक नजर
- नरेंद्र मोदी हेलियोपोलिस युद्ध स्मारक जाएंगे और शहीद भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देंगे। यह उन करीब 4000 भारतीय सैनिकों के स्मारक के रूप में जाना जाता है, जो प्रथम विश्व युद्ध में मिस्त्र औ फलस्तीन में शहीद हुए थे।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अल हकीम मस्जिद भी जाएंगे। इनका पुनरुद्धार बोहरा समुदाय के सहयोग से किया गया था।
- इंडिया यूनिट के साथ भी संवाद करेंगे, जिसका गठना मिस्त्र के राष्ट्रपति ने भारत यात्रा से लौटने के बाद मार्च में किया था। इसमें कई उच्चस्तरीय मंत्री शामिल हैं।
- मिस्त्र के राष्ट्रपति अल सीसी के साछ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। इस दौरान कुछ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे।
24 जून के कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दोपहर तक काहिरा पहुंचेंगे। इसके बाद पीएम मोदी मिस्त्र के प्रधानमंत्री के साथ बैठक करेंगे। वहीं पीएम मोदी भारतीय समुदाय के साथ बातचीत भी करेंगे। मिस्त्र के ग्रैंड मुफ्ती के साथ मुलाकात भी होगी। साथ ही मिस्त्र के विचारकों के साथ भी बैठक होगी।
25 जून के कार्यक्रम
25 जून को पीएम मोदी अल हकीम मस्जिद का दौरा करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी हेलियोपोलिस युद्ध कब्रिस्तान का दौरा करेंगे। पीएम मोदी इस दौरान मिस्र प्रेसीडेंसी में कार्यक्रम और मिस्र के राष्ट्रपति के साथ बैठक करेंगे।
1997 के बाद भारतीय प्रधानमंत्री का मिस्त्र का पहला दौरा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर यह यात्रा कर रहे हैं। अल-सीसी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की थी और उसी समय उन्होंने प्रधानमंत्री को मिस्र यात्रा के लिए आमंत्रित किया था। साल 1997 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला मिस्र दौरा होगा।
11वीं सदी की मस्जिद है अल-हाकीम
प्रधानमंत्री मोदी कैरो के जिस अल हाकीम मस्जिद जाएंगे, वह 11वीं सदी की मस्जिद है। 6 सालों तक चले पुनरुद्धार कार्य के बाद इस शिया मस्जिद को इसी वर्ष फरवरी में दोबारा खोला गया था। इस मस्जिद का पुनरुद्धार करवाने में बोहरा समुदाय का योगदान रहा है।
मुसलमानों के बोहरा समुदाय का मुख्य निवास भारत है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने इस भारतीय मुस्लिम समुदाय से काफी प्रभावित हैं।