पीएम मोदी ने कहा कि अमृत काल बजट भारत के विकास के लिए एक सर्व समावेशी वित्तीय क्षेत्र का रोडमैप पेश करता है। उन्होंने कहा कि जो बैंकिंग व्यवस्था 8-10 साल पहले डूबने की कगार पर थी वो अब लाभ में आ गई है। आज आपके पास एक ऐसी सरकार है जो लगातार साहसपूर्ण निर्णय कर रही है, नीतिगत निर्णयों में बहुत ही स्पष्टता , आत्मविश्वास और कनविक्शन है। इसलिए आपको भी आगे बढ़ कर काम करना ही चाहिए।
भारत की बैंकिंग सिस्टम में आई मजबूती
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पीएम मोदी ने बताया कि आज समय की मांग है की भारत के बैंकिंग सिस्मेंटम आई मजबूती का लाभ ज्यादा से ज्यादा आखिरी छोर तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि जैसे हमने MSME को सपोर्ट किया वैसे ही भारत के बैंकिंग सिस्टम को ज्यादा से ज्यादा सेक्टर्स का समर्थन करना होगा। भारत फाइनेंशियल डिसिप्लिन, ट्रांसपेरेंसी और इंक्लूसिव अप्रोच को लेकर चल रहा है तो एक बड़ा बदलाव भी हम देख रहे हैं। फाइनेंशियल इंक्लूजन से जुड़ी सरकार की नीतियों ने करोड़ों लोगों को फोर्मल फाइनेंशियल सिस्टम का हिस्सा बना दिया है।
‘भारत में टैक्स हुआ बहुत कम’
भारत में टैक्स रेट को लेकर पीएम मोदी बोले, एक समय तो हर तरफ यही बात छाई रहती थी कि भारत में टैक्स रेट कितना ज्यादा है।आज स्थिति बिल्कुल अलग है। जीएसटी की वजह से, इनकम टैक्स कम होने की वजह से, कॉर्पोरेट टैक्स कम होने की वजह से भारत में टैक्स बहुत कम हुआ है, वो बोझ नागरिकों पर बहुत कम होता जा रहा है।
2013-14 के दौरान हमारा ग्रॉस टैक्स रेवेन्यू करीब 11 लाख करोड़ था, 2023-24 के अनुमानों के मुताबिक gross tax revenue अब 33 लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है। यानी भारत टैक्स रेट कम कर रहा है बावजूद इसके कलेक्शन बढ़ रहा है।