दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों और दिल्ली पुलिस के बीच बुधवार (3 मई) की रात करीब 11 बजे धक्का-मुक्की हो गई। प्रदर्शन कर रहे खिलाड़ियों का आरोप है पुलिस ने उन पर हमला किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर बुधवार रात प्रदर्शन स्थल पर पहलवानों के साथ कथित मारपीट के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पत्र में उन्होंने विरोध प्रदर्शन में वाटरप्रूफ टेंट, बिस्तर, जिम के उपकरण, कुश्ती मैट और साउंड सिस्टम लाने की अनुमति भी मांगी है।
पहलवानों ने जंतर-मंतर पर दुर्व्यवहार की शिकायत की
पत्र में उन्होंने लिखा है, हम, ओलंपियन और अंतर्राष्ट्रीय पहलवान, पिछले 11 दिनों से दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक विरोध कर रहे हैं। (बुधवार रात) लगभग 11 बजे, हम रात में रुकने के लिए सुविधाओं की व्यवस्था कर रहे थे, जब दिल्ली पुलिस के एसीपी धर्मेंद्र ने लगभग 100 पुलिस कर्मियों के साथ हम पर हमला किया। हमले में दुष्यंत फोगट और राहुल यादव के सिर पर चोट आई है।
पहलवानों ने आरोप लगाया कि एसीपी ने ओलंपियन विनेश फोगट को गालियां दीं, जबकि साक्षी मलिक और संगीता फोगट को पुलिस ने पीटा।
‘पहलवानों का अपमान करना देश का अपमान’
खिलाड़ियों ने कहा, इस तरह से अंतर्राष्ट्रीय पहलवानों पर हमला करना और उनका अपमान करना एथलीटों का मनोबल तोड़ने वाला है। यह उनके आत्मविश्वास को कम करता है। इससे देश की भी बदनामी हो रही है। हम आपसे तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं।
इससे पहले बुधवार को आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और अन्य पहलवानों से मुलाकात की, जो भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं और उन्हें मदद करने का आश्वासन दिया।