एम्स के डॉक्टरों ने महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के दिल को महज 90 सेकंड में ठीक कर दिया।अल्ट्रासाउंड की मदद से गर्भवती महिला के पेट में नीडल डालकर महज 90 सेकेंड में गर्भस्थ भ्रूण के दिल का प्रोसीजर कर उसके वाल्व के ब्लाकेज को खोल दिया गया।
दिल्ली के कार्डियोथोरेसिक साइंसेज सेंटर में अंगूर के आकार के दिल का सफल ऑपरेशन किया। इस ऑपरेशन के बाद मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। एम्स के डॉक्टरों के जरिए किए गए इस दुर्लभ ऑपरेशन की चर्चा देशभर में हो रही है।
पीएम मोदी ने की डॉक्टरों की तारीफ
बुधवार को पीएम मोदी ने भी इस सफल सर्जरी पर खुशी जताते हुए एम्स के डॉक्टरों की सरहाना की है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा कि देश को अपने डॉक्टरों की निपुणता और नवाचार पर गर्व है। उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बात कही।
मनसुख मंडाविया ने ट्वीट किया, ‘मैं @AIIMS_NewDelhi के डॉक्टरों की टीम को 90 सेकंड में एक भ्रूण के अंगूर के आकार के दिल पर सफल दुर्लभ प्रक्रिया करने के लिए बधाई देता हूं। बच्चे और मां की सलामती के लिए मेरी प्रार्थना।’
बता दें कि डॉक्टरों के मुताबिक 28 साल की महिला इससे पहले तीन बार गर्भवती हुई थी लेकिन हर बार अजन्मे बच्चे को हार्ट प्रॉब्लम आ रही थी और उसे बचाया नहीं जा पा रहा था। इस बार डॉक्टरों ने बच्चे की हालत महिला और उसके पति को बताकर ऑपरेशन कराने की सलाह दी। डॉक्टरों की सलाह को मानकर पति-पत्नी ऑपरेशन के लिए राजी हो गए। डॉक्टरों का कहना है कि जब कुछ गंबीर हार्ट की बीमारी अजन्मे बच्चे को हो जाए तो गर्भ में ही उसका ठीक किया जा सकता है।
अल्ट्रासाउंड के जरिए की जाती है सर्जरी: डॉक्टर
डॉक्टर ने कहा कि इस तरह की प्रक्रिया से भ्रूण के जीवन का खतरा हो सकता है और इसे अत्यंत सावधानी से किया जाना चाहिए। डॉक्टर के मुताबिक, इस तरह की प्रक्रिया बहुत चुनौतीपूर्ण होती है क्योंकि इससे भ्रूण के जीवन को भी जोखिम हो सकता है।
सभी कुछ अल्ट्रासाउंड मार्गदर्शन के तहत किया जाता है। वहीं, ऐसे ऑपरेशन जल्दी करना होता है क्योंकि आप प्रमुख हृदय कक्ष को पंचर करने जा रहे हैं। इसलिए अगर कुछ गलत हो जाता है, तो बच्चे की मौत भी हो सकती है।