पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद अब एक और पीटीआई को हिरासत में…

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद अब एक और पीटीआई को हिरासत में…

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को अल-कादिर ट्रस्ट से जुड़े मामले में गिरफ्तार कर लिया गया, जिसके बाद पूरे देश में हिंसक प्रर्दशन हुए। वहीं, अब उनकी गिरफ्तारी को पूरे 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि पीटीआई के एक और नेता और पंजाब प्रांत के पूर्व गवर्नर उमर सरफराज चीमा को गिरफ्तार कर लिया गया है। बुधवार यानि आज उमर सरफराज को उनके घर पर छापेमारी के दौरान भ्रष्टाचार विरोधी प्रतिष्ठान (एसीई) ने हिरासत में ले लिया है।

सुबह गिरफ्तार किए गए उमर

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के मुताबिक, अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर पीटीआई नेता हम्माद अजहर ने पुष्टि की कि चीमा को बुधवार तड़के गिरफ्तार किया गया है। पीटीआई नेता ने अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो जारी करते हुए कहा कि पूर्व गवर्नर उमर सरफराज चीमा को कौन ले जा रहा है? कहां? किस आरोप में? वीडियो में कथित अधिकारियों को सामान्य कपड़े पहने चीमा के घर के अंदर दिखाया गया है।

इमरान की गिरफ्तारी देश में विरोध

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो में उमर सरफराज चीमा सीढ़ियों से नीचे उतर रहे थे और वहां मौजूद एसीई उनका इंतजार कर रहे थे। जिसके बाद अधिकारी उन्हें अपने साथ ले गए थे। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (IHC) में मंगलवार को पूर्व प्रधान मंत्री को रेंजर्स अर्धसैनिक बल द्वारा एक नाटकीय कदम में गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद देश में हड़कंप मच गया था। पाकिस्तान के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे।

क्‍यों हुई इमरान खान की ग‍िरफ्तारी?

इमरान खान को अल-काद‍िर ट्रस्‍ट मामले में ग‍िरफ्तार क‍िया गया है। पाक‍िस्‍तानी मीड‍िया के मुताब‍िक, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्‍यूरो (एनएबी) ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के बाहर से गिरफ्तार किया है। इमरान अपने खिलाफ दर्ज कई मामलों में जमानत लेने गए थे। लेकिन तब ही उन्हें रेंजर्स ने गिरफ्तार कर लिया। एनएबी ने इमरान खान, उनकी पत्नी बुशरा बीबी और अन्य के खिलाफ अल कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम पर कथित तौर पर सैकड़ों कनाल जमीन हासिल करने के आरोप में जांच शुरू की थी और संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। इससे कथित तौर पर राष्ट्रीय खजाने को 190 मिलियन पाउंड का नुकसान हुआ था।

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