उमस भरी गर्मी एक ऐसा मौसम होता है जब हम सभी को आसानी से और खूब सारा पसीना आता है। पसीना वैसे तो हमारे शरीर को ठंडा रखने का एक मकैनिजम है लेकिन इससे कई बार हमारे कपड़े खराब भी हो जाते हैं। पसीना खासकर हल्के रंग के कपड़ों पर पीला रंग छोड़ देता है। तो आइए जानें इसकी वजह क्या है?
गर्मी और उमस भरे मौसम में पसीना काफी ज्यादा आता है। जिसकी वजह से हम दिन में कई बार नहाना चाहते हैं और कई बार कपड़े भी बदलने पड़ते हैं। पसीना अक्सर लोगों के कपड़ों पर निशान भी छोड़ देता है। जबकि पसीने का रंग नहीं होता, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि फिर इसकी वजह से कपड़ों पर पीला दाग क्यों रह जाता है। खासकर सफेद कपड़ों में? आखिर क्या है इसका कारण? आइए जानते हैं
पसीना क्या है और क्यों होता है कलरलेस?
शरीर से पसीना निकलना एक नॉर्मल प्रोसेस है। हमारा शरीर पसीने की मदद से खुद को ठंडा रखने का काम करता है। पसीना दो तरह का होता है, जो अलग-अलग ग्रंथियों से बनता है। हमारे पूरे शरीर में पाया जाने वाला एक्राइन ग्लैंड पसीना बनाता है, जो मुख्य रूप से पानी से बना होता है। वहीं, एपोक्राइन ग्लैंड मुख्य रूप से हमारे बगल और कमर में होता है, जो फैट्स, अमोनिया और प्रोटीन से पसीना बनाता है।
इन दोनों ग्लैंड्स से निकलने वाले पसीने में न ही रंग होता है न ही दुर्गंध। तो फिर सवाल यह उठता है कि आखिर पसीना सूखने पर पीले दाग क्यों छोड़ता है?
दरअसल, पसीने में मौजूद नमक, यूरिया और अमोनिया को आपकी त्वचा पर मौजूद बैक्टीरिया या फंगस अपना आहार बना लेते हैं। जिसके बाद बैक्टीरिया पसीने में कुछ नए मोलिक्यूल छोड़ते हैं, जिनमें से कुछ पीले रंग के होते हैं। वहीं, अक्सर हम डिओडरेंट्स का इस्तेमाल करते हैं, जिसके कारण भी पसीने के मोलिक्यूल पीला रंग बना लेते हैं। डिओडरेंट में एल्युमीनियम होता है, जो पसीने में मौजूद प्रोटीन के साथ रिएक्ट करके पीले दाग छोड़ देता है।
क्रोमहिड्रोसिस बीमारी भी है कारण
यह बीमारी एपोक्राइन ग्लैंड से निकलने वाले पसीने के कारण होता है। लिपोफस्कीन पिगमेंट कलर्ड स्वेट के लिए जिम्मेदार होता है। ये पिंगमेंट एपोक्रीन ग्लैंड में होता है, जिसके कारण पीला रंग का पसीना निकलता है।