पर्यटकों के लिए खोले जायेंगे ऐतिहासिक स्थल

पर्यटकों के लिए खोले जायेंगे ऐतिहासिक स्थल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन विभाग ने प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित पुरानी इमारतों, किले तथा महलों का कायाकल्प करके देशी-विदेशी पर्यटकों को लुभाने की शुरूआत की है। कोरोना कालखण्ड के बाद पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। पुराने जीर्ण-शीर्ण ऐतिहासिक धरोहरों को मौलिक स्वरूप प्रदान करना चाहती है, ताकि पर्यटकों को किले अथवा राजमहल में ठहरने जैसी अनुभूति प्राप्त हो सके। बुन्देलखण्ड समेत कई जनपदों में पुराने किले तथा महल मौजूद हैं।

किलों, महलों के स्वामियों एवं उनके उत्तराधिकारियों संग हुयी बैठक

विभाग निजीसहभागिता के आधार पर इनका सौन्दर्यीकरण कराने का निर्णय लिया है। इसको लेकर हाल में किलों, महलों के स्वामियों एवं उनके उत्तराधिकारियों को आमंत्रित कर संगोष्ठी आयोजित की गई थी। इसमें जीर्णोद्धार कार्य में लगे हुए लोगों, विशेषज्ञों तथा निवेशकों को भी शामिल किया गया था। राज्य सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह पर्यटन के फलक को अधिक से अधिक विस्तार देना चाहते हैं। यह निर्णय उनकी सोच को परिलक्षित करता है। तमाम प्राचीन किले एवं महल जर्जर एवं दयनीय स्थिति में हैं। बढ़ती आबादी, औद्योगीकरण, शहरीकरण एवं विकास संबंधी गतिविधियों के चलते इन ऐतिहासिक सम्पत्तियों के आसपास अतिक्रमण एवं बहुमूल्य सामानों के साथ छेड़छाड़ की भी घटनाएं प्रायः प्रकाश में आती हैं। किलों से बहुत सी कहानियां एवं दन्त कथाएं जुड़ी हुई हैं। इन किलों का ऐतिहासिक महत्व है। बहुत से किले एवं महल स्थापत्य कला के बेहतरीन नमूने हैं। इनको भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित करना जरूरी है। पर्यटन विभाग इन इमारतों को पीपीपी मॉडल पर विकसित कर पर्यटन गतिविधियां संचालित करना चाहता है। इससे इन प्राचीन इमारतों का मौलिक सौन्दर्य वापस लौटेगा और इन्हें संरक्षित किया जा सकेगा।

राजस्थान की तर्ज पर होगा विकसित

दुर्गम एवं बीहड़ स्थानों पर स्थित होने के कारण अवस्थापना सुविधाओं का अभाव है। विकास होने पर दर्शकों एवं पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होगा। पर्यटन विभाग ने राजस्थान की तर्ज पर विकसित करने का निर्णय लिया है। ऐतिहासिक धरोहरों को हेरिटेज सर्किट में शामिल कर बुनियादीसुविधाओं से लैस किया जायेगा। मार्केटिंग तथा ब्रान्डिंग के साथ व्यापक प्रचार-प्रसार करके अधिक से अधिक देशी-विदेशी सैलानियों को यूपी की ओर आकर्षित किया जायेगा। इससे यूपी में रोजगार के साथ-साथ आमदनी के रास्ते खुलेंगे। प्रदेश में अध्यात्मिक सर्किट पर्यटकों को सर्वाधिक आकर्षित कर रहा है। अयोध्या काशी मथुरा कुशीनगर पर्यटकों के लिए पसंदीदा गन्तव्य स्थल के रूप में स्थान बनाये हुए हैं। पीपीपी मॉडल पर पुरानी इमारतों को संवारने के बाद पर्यटकों के लिए घूमने के लिए विकल्प के रूप में नये स्थल प्राप्त होंगे।

निवेशकों के लिए सब्सिडी व छूट भी

उत्तर प्रदेश में निवेशकों के लिए पर्यटन नीति-2022 में आकर्षक सुविधाओं के साथ ही सब्सिडी एवं छूट की व्यवस्था की गयी है। औद्योगिक एवं पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इन्स्पेक्टर राज और लाल फीताशाही समाप्त कर दी गई है। बेकार एवं अनुपयोगी कानूनों को खत्म किया जा रहा है। 2017 के बाद से प्रदेश की स्थिति में व्यापक बदलाव आया है। अब यह बीमारू राज्य के चक्रव्यूह से निकलकर अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में आगे बढ़ रहा है। राज्य सरकार प्रदेश में उद्योग-धन्धों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार पूरी ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ निवेशकों के साथ खड़ी है। रेल, रोड, सड़क, वायु तथा हेलीपोर्ट एवं अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी विकसित की है। यूपी की अर्थव्यवस्था लगातार छलांग लगा रही है। अभी हाल में सम्पन्न यूपीजीआईएस-23 के दौरान 33 लाख 50 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यूपी अब सर्वोत्तम प्रदेश की राह पर चल पड़ा है। इससे उत्तर प्रदेश देश की जीडीपी में योगदान देने में सक्षम होगा।राज्य सरकार ने छतरमंजिल लखनऊ, चुनारफोर्ट मिर्जापुर, बरूआसागर फोर्ट झांसी, कोठी गुलिस्ताने एरम, कोठी दर्शन विलास, कोठी रोशन उदौला, लखनऊ, बरसाना जलमहल मथुरा, शुक्ला तालाब कानपुर देहात, टिकैतराय बारादरी कानपुर सिटी, बुन्देलखण्ड की कुछ सम्पत्तियों-तहरोली फोर्ट झांसी, चिरगॉव फोर्ट झांसी, मडवारा फोर्ट, मस्तानी महल सलारपुर, सेनापति भवन आदि को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए चिन्हित किया है। इन इमारतों का कायाकल्प होने से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी।

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