पड़ोसी देश पाकिस्तान में आमजन महंगाई से हलकान है। खाने-पीने के सामानों के दाम रिकॉर्डस्तर पर बढ़े हैं। पाकिस्तान के अखबार ‘डॉन’ के मुताबिक, इस साल फरवरी में, पाकिस्तान के शहरी क्षेत्रों में वार्षिक खाद्य मुद्रास्फीति दर बढ़कर 41.9 फीसदी जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 47 फीसदी हो गई है। पिछले साल फरवरी में ये रीडिंग क्रमश: 14.3 फीसदी और 14.6 फीसदी ही थी। यानी एक साल में महंगाई की दर तिगुनी रफ्तार से बढ़ी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक ग्रामीण परिवार को फरवरी 2023 में घरेलू सामानों की खरीद के लिए 14,700 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं, जबकि उसी मात्रा में वही भोजन सामग्री खरीदने के लिए उन्होंने फरवरी 2022 में 10,000 रुपये खर्च किए थे। हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि एक शहरी परिवार के लिए उतने ही सामान खरीदने के लिए थोड़ा कम यानी 14,190 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।
पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष के आठ महीनों में (जुलाई 2022 से फरवरी 2023 के बीच), विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान को खाद्य आयात पर 6.687 बिलियन डॉलर खर्च करने पड़े हैं। ब्यूरो ने संभावना जताई है कि पूरे वित्त वर्ष का खाद्य आयात बिल 10 अरब डॉलर से अधिक हो सकता है।
समा टीवी के मुताबिक, साप्ताहिक आधार पर टमाटर, आलू और गेहूं का आटा महंगा होने के कारण अल्पकालिक मुद्रास्फीति में 1.80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। समा टीवी के मुताबिक, एक साल में खाद्य पदार्थो की कीमतों में प्रमुख वृद्धि देखी गई है।
इसके तहत प्याज (228.28%), सिगरेट (165.88%), गेहूं का आटा (120.66%), क्यू1 के लिए गैस शुल्क (108.38%), डीजल (102.84%), पेट्रोल (81.17%), चाय लिप्टन (94.60%), केले (89.84%), चावल इरी-6/9 (81.51%), चावल बासमती टूटा हुआ (81.22%), अंडे (79.56%) दाल मूंग (68.64%), आलू (57.21%) और दाल मैश (56.46%)महंगे हुए हैं।