नेपाल और भारत में जबरदस्त भूकंप, बिहार-यूपी के सीमावर्ती जिलों से राजधानी तक असर

 रविवार सुबह नेपाल और भारत में जबरदस्त भूकंप आया। भूकंप का केंद्र नेपाल में काठमांडू और पोखरा के बीच था। असर नेपाल के साथ बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में ज्यादा दिखा। भूकंप का असर झारखंड और पश्चिम बंगाल तक रहा।

देश में एक बार फिर भूकंप का बड़ा झटका महसूस किया गया। नेपाल की राजधानी काठमांडू और पोखरा के बीच धडिंग में भूकंप का केंद्र था। मौसम विभाग के अनुसार 5.3 तीव्रता का यह भूकंप था, जो रविवार सुबह 7 बजकर 24 मिनट 20 सेकंड पर आया था। जमीन के 10 किलोमीटर नीचे केंद्र था। भूकंप का असर नेपाल से सटे बिहार और उत्तर प्रदेश के सभी सीमावर्ती जिलों में ज्यादा रहा। इसके साथ दोनों राज्यों की राजधानी तक लोगों ने झटका महसूस किया। झारखंड और पश्चिम बंगाल तक इसका असर रहा। हालांकि, कहीं से कोई नुकसान या किसी के हताहत होने की सूचना अबतक सामने नहीं आई है। रविवार सुबह 7 बजकर 24 मिनट 20 सेकंड पर भूकंप आया, जबकि पटना में लोगों ने इसके कुछ देर बाद कंपन महसूस किया।

भूकंप की तीव्रता 5.3 रिकॉर्ड की गई
पटना के गर्दनीबाग इलाके के कुछ लोगों ने बताया घर में चाय पी रहे थे, तभी करीब 3-4 सेकंड तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। तीव्रता कम थी, इसलिए कई लोगों को तो पता भी नहीं चल पाया। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, नेपाल के काठमांडू के पास भूकंप का केंद्र है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.3 रिकॉर्ड की गई। इसके बाद में रविवार सुबह 8 बजकर 44 मिनट 43 सेकंड में फिर से भूकंप आया। इसका केंद्र तिब्बत बताया गया। हालांकि, इसका बहुत हल्का असर बिहार तक पहुंचा। पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में हल्के झटके महसूस किए गए।

नेपाल, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश तक झटका 
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, नेपाल से शुरू हुआ भूकंप बिहार-यूपी के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल तक पहुंचा। भूकंप के झटके उत्तर प्रदेश के महाराजगंज के ठूठीबाड़ी व सौनोली, सिद्धार्थनगर, बहराइच, श्रावस्ती, लखनऊ, प्रयागराज में महसूस किए गए। बिहार में चंपारण, मधुबनी, सारण, सीवान, गोपालगंज समेत बॉर्डर जिलों में असर ज्यादा हुआ। इधर, पटना, गया, सासाराम होकर भूकंप के झटका पश्चिम बंगाल और झारखंड की सीमा तक जुड़े जिलों तक पहुंचा। अबतक कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। मौसम विज्ञान विभाग ने ऑफ्टर सॉक्स की सूचना दी है, जो किसी भूकंप के कुछ देर बाद कभी-कभी आते हैं।

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