लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रही योगी सरकार इस वर्ष नया रिकॉर्ड बना सकती है। दरअसल, सरकार ने दिसंबर 2023 तक प्रदेश में रिकॉर्ड 2640 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने वाली नई परियोजनाओं को शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए विलंब से चल रही परियोजनाओं को तेजी से बढ़ाया जा रहा है। परियोजनाओं की प्रगति की लगातार समीक्षा की जा रही है। यदि सबकुछ योजना के अनुसार चला तो विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में प्रदेश सरकार बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकती है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश में निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं को जल्द प्रारंभ करने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) लगातार प्रयास कर रहा है। यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम. देवराज इसके लिए प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे हैं। साथ ही परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करके माइक्रो लेवल मॉनीटरिंग भी की जा रही है।
इन 4 परियोजनाओं पर है फोकस
जिन परियोजनाओं को शुरू करने पर सबसे ज्यादा फोकस है, उनमें ओबरा तापीय परियोजना की 660 मेगावाट की एक यूनिट जून के अंत तक उत्पादन शुरू करेगी। इसी तरह जवाहरपुर तापीय परियोजना में निर्माणाधीन 660 मेगावाट की 2 इकाइयां भी इसी वर्ष उत्पादन शुरू करेंगी। एक यूनिट 15 जुलाई तथा दूसरी यूनिट को वर्ष के अंत तक शुरू किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वहीं, कानपुर स्थित पनकी तापीय परियोजना में 660 मेगावाट की एक यूनिट निर्माणधीन है। यद्यपि यह परियोजना निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे है, लेकिन सरकार द्वारा इस वर्ष दिसंबर तक इसे भी शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज का कहना है कि कोरोना महामारी के कारण परियोजना अपने निर्धारित लक्ष्य से पीछे हो गई है लेकिन अब युद्धस्तर पर प्रयास हो रहा है। हमारी पूरी कोशिश है कि परियोजनाओं का निर्माण शीघ्र से शीघ्र पूरा हो और उत्पादन शुरू किया जा सके। इसके लिये परियोजनाओं के कामों की रेग्यूलर समयबद्ध मॉनीटरिंग के लिए नए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। प्रत्येक कार्य की मॉनीटरिंग की जा रही है। कार्य कर रही संस्थाओं को नियमित भुगतान की व्यवस्था बनाई गई है।
परियोजनाओं में देरी पर तय किया लक्ष्य
जवाहरपुर विद्युत उत्पादन निगम लि. जो कि यूपी राज्य विद्युत उत्पादन निगम लि. की 100 प्रतिशत सहायक कंपनी है, वह परियोजना का निर्माण कर रही है। इस पर लगभग 1500 करोड़ रुपए का व्यय होगा। इसकी 1320 मेगावाट (660×2) की उत्पादन क्षमता है। इसे अप्रैल 2023 तक शुरू किया जाना था, लेकिन विलंब के चलते अब इसकी परिवर्तित तिथि 15 जुलाई निर्धारित की गई है। 660 मेगावाट की दूसरी इकाई भी पहली यूनिट शुरू होने के 6 महीने के अंदर उत्पादन प्रारम्भ करेंगी, ऐसा लक्ष्य निर्धारित है। इसी तरह सोनभद्र स्थित ओबरा ताप विद्युत संयंत्र भारत की पहली 200 मेगावाट ईकाई होने का गौरव रखती है। यहां वर्तमान में 660 मेगावाट की दो इकाइयां निर्माणाधीन हैं। इसकी एक यूनिट 15 जुलाई में उत्पादन शुरु करेगी। वहीं पनकी पावर प्रोजेक्ट कानपुर में स्थित है। 2018 से 660 मेगावाट की एक यूनिट स्थापित की जा रही है। पूर्व में जुलाई 2023 से इसको शुरू किए जाने का लक्ष्य था, लेकिन कार्य मे विलंब होने से अब इसे दिसंबर तक प्रारम्भ करने का लक्ष्य निर्धारित है।