टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए नीचे समुद्र में गई टाइटन पनडुब्बी में सवार 5 लोगों की हुई मौत

टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए नीचे समुद्र में गई टाइटन पनडुब्बी में सवार 5 लोगों की हुई मौत

टाइटैनिक जहाज के मलबे को देखने के लिए 13,000 फुट नीचे समुद्र में गई टाइटन पनडुब्बी में सवार सभी 5 लोगों की मौत हो गई है। इस पनडुब्बी में अरबपति कारोबारी और OceanGate कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश भी शामिल हैं। इसके अलावा पाकिस्तानी मूल के अरबपति शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान दाऊद भी इसी पनडुब्बी में बैठे थे। यही नहीं पॉल हेनरी नार्जियालेट, हामिश हार्डिंग की भी इस हादसे में मौत हो गई है। अब तक की गई जांच में पता चला है कि पनडुब्बी में एक विस्फोट हुआ, जिसके बाद यह हादसा हुआ। पनडुब्बी के मलबे की खोज कनाडा के जहाज पर तैनात एक रोबोट के जरिए हो पाई है। 

टाइटैनिक टूरिज्म पर OceanGate कंपनी की टाइटन पनडुब्बी 18 जून को निकली थी। लेकिन शुरुआती कुछ घंटों में ही संपर्क टूट गया और तब से ही हादसे की आशंका जताई जा रही थी। लंबे अभियान के बाद जानकारी मिली है कि पनडुब्बी में धमाका हुआ था और इसी में सभी लोग मारे गए। समुद्र में 5 हिस्सों में मलबा दिखने की बात कनाडाई जहाज के रोबोट की तलाश में सामने आई है।  OceanGate ने बयान जारी कर मृतकों को श्रद्धांजलि दी है। इस हादसे के बाद टाइटैनिक टूरिज्म पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये लोग मलबा देखने के लिए समुद्र में इतने गहरे तक क्यों जाना चाहते थे।

पनडुब्बी का मलबा निकालने की हो रही कोशिश

फिलहाल पनडुब्बी के मलबे को निकालने की कोशिश हो रही है। मॉडर्न C-130 हरक्यूलस, P-8 समेत 16 एयरक्राफ्ट इस पनडुब्बी को खोज रहे थे। इसी दौरान मलबा दिखाई दिया है, जिसे निकालने का प्रयास हो रहा है। मलबे को निकालने के बाद जो जांच होगी, उसमें ही पुख्ता तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। बीते कई दिनों से टाइटन पनडुब्बी की खोज पूरी दुनिया में चर्चा का विषय थी, लेकिन इसका अंत दुखद खबर के साथ हुआ है। 

दशकों बाद लोग भूल पाए थे टाइटैनिक हादसा

दरअसल आज से 111 साल पहले 15 अप्रैल, 1912 को दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री आपदा घटित हुई थी। टाइटैनिक नाम का दुनिया का सबसे बड़ा भाप इंजन से चलने वाला जहाज डूब गया था, जिसमें 1573 लोगों की मौत हो गई थी। यह ब्रिटिश जहाज उत्तरी प्रशांत महासागर में डूबने से पहले 10 अप्रैल को साउथम्पटन के तट से रवाना हुआ था और उसे अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी तक जाना था। इसी दौरान यह जहाज 15 अप्रैल को डूब गया था। इस हादसे पर मशहूर टाइटैनिक मूवी भी बनी थी, जिसे दुनिया भर में खूब देखा गया था। दशकों बाद टाइटैनिक हादसे को दुनिया भूल पाई थी।

टाइटैनिक जहाज का 73 साल बाद मिला था मलबा

हालांकि 73 साल बाद 1985 में टाइटैनिक का मलबा मिल गया था। यह मलबा कनाडा के पास न्यूफाउंडलैंड द्वीप के करीब पाया गया। इसके बाद लोग इस मलबे को देखने की इच्छा जताने और फिर शुरू हुआ टाइटैनिक टूरिज्म। इसकी शुरुआत OceanGate कंपनी ने की, जिसकी पनडुब्बी टाइटन हादसे का शिकार हुआ है। यह कंपनी इस 8 दिन और 7 रातों की यात्रा के लिए 2 करोड़ रुपये लेती है। कनाडा के सेंट जॉन न्यूफाउंडलैंड से इस यात्रा की शुरुआत होती है। यह यात्रा बेहद रोमांचकारी होती है, लेकिन कई बार लोग डर भी जाते हैं। इसीलिए यात्रा पर जाने से पहले लोगों को महीनों की ट्रेनिंग दी जाती है।

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