जीआई उत्पाद की खासियत से देश-दुनिया को वाकिफ कराएगा विंध्य कॉरिडोर

जीआई उत्पाद की खासियत से देश-दुनिया को वाकिफ कराएगा विंध्य कॉरिडोर

मीरजापुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर अब जीआई उत्पाद से निखरने लगा है। दरअसल, विंध्य कॉरिडोर निर्माण में अहरौरा का गुलाबी पत्थर लगाया जा रहा है और गुलाबी पत्थर जीआई टैग में शामिल है। आकर्षक डिजाइनदार गुलाबी पत्थर पर राजस्थान की कारीगरी दिखेगी ही, विंध्य कॉरिडोर का निर्माण होने से गुलाबी पत्थर स्वर्णिम आभा बिखेरेगा।

मुख्य द्वार बनकर तैयार

विंध्यधाम कारिडोर अपने दिव्य स्वरूप में दिनोंदिन निखरता जा रहा है। विंध्य कारिडोर का मुख्य द्वार तैयार हो चुका है। यह द्वार अत्यंत ही महत्वपूर्ण है। यह पुराना वीआइपी गेट से जुड़ा हुआ है। मुख्य द्वार को तैयार करने में 25 दिन लगे हैं। इसे विविध चित्रकारी से आकर्षक बनाया गया है। वैसे तो विंध्यवासिनी मंदिर तक पहुंचने के लिए चार द्वार पुरानी वीआईपी, न्यू वीआईपी, कोतवाली रोड व पक्का घाट मार्ग होंगे। जिसमें पुरानी वीआईपी मार्ग मुख्य मार्ग है। विंध्य कॉरिडोर के अंतर्गत विंध्यवासिनी मंदिर के चारों तरफ दो मंजिला परिक्रमा पथ बनकर तैयार हो चुका है। चारों मार्ग भी लगभग तैयार हैं। फिनिशिंग व पत्थर बिछाने का का शेष है। अंडरग्राउंड सभी कार्य पूर्ण होने के बाद पत्थर बिछाने का कार्य शुरू किया जाएगा।

गुलाबी पत्थर से बढ़ी विंध्य कॉरिडोर की भव्यता

जीआई उत्पाद में शामिल मीरजापुर का बालू पत्थर मुख्यतरू चुनार में ही पाया जाता है। विंध्यधाम को अपने ही पत्थरों से सजाया जा रहा है। कॉरिडोर में जीआई उत्पाद के लगने से जहां उत्पाद की महत्ता कायम हो रही है, वहीं कॉरिडोर की भव्यता भी संवर रही है। उधर, विंध्य कॉरिडोर जीआई उत्पाद की खासियत से देश-दुनिया को वाकिफ कराएगा।

चार टन वजनी है मुख्य द्वार का कलश

विंध्य कॉरिडोर के कई ऐसे कार्य हैं जिसकी कुछ खास विशेषताएं हैं। मुख्य द्वार पर लगे कलश का वजन ही चार टन का है। यह कलश एक ही पत्थर शिला से बनाया गया है। इसे मुख्य द्वार के ऊपर निश्चित स्थान पर लगाने के लिए वाराणसी से 50 टन का क्रेन मंगाया गया था। इसका किराया 60 हजार रुपये दिया गया।

जुलाई माह तक पूरा होगा तीन और द्वार का काम

कार्यदायी संस्था के सहायक अभियंता राजकुमार पांडेय ने बताया कि मुख्य द्वार का काम पूरा हो गया है। तीन अन्य द्वारों का काम भी जुलाई माह के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा।

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