अगर आप चंडीगढ़ शहर में रहते हैं और आने वाले कुछ दिनों में फ्यूल से चलने वाली कोई कार या बाइक खरीदना चाहते हैं, तो जल्दी से खरीद लीजिए, क्योंकि बहुत जल्द फ्यूल से चलने वाली बाइक्स और कारें चंडीगढ़ में बंद होने वाली हैं। इस शहर में आने वाले कुछ दिन में सरकार फ्यूल से चलने वाले टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर का रजिस्ट्रेशन करना बंद कर देगी। ग्राहक चंडीगढ़ में केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का ही रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इसका मतलब है कि आने वाले टाइम में चंडीगढ़ में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन नहीं दिखाई देंगे। आइए जरा विस्तार से इसकी डिटेल्स जानते हैं।
इस महीने से बंद होंगे वाहन
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए प्रशासन ने जुलाई से फ्यूल से चलने वाले दोपहिया वाहनों का पंजीकरण बंद करने की अपनी योजना की घोषणा की है। वहीं, दिसंबर 2023 से फ्यूल से चलने वाली कारों का पंजीकरण भी बंद कर दिया जाएगा।
क्या है इसके पीछे की वजह?
चंडीगढ़ ने अपनी ईवी पॉलिसी पिछले साल सितंबर में शुरू की थी, जो अगले पांच सालों तक लागू रहेगी। केंद्र शासित प्रदेश (UT) का लक्ष्य आने वाले सालों में धीरे-धीरे इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करना है और इस तरह के कदमों का उद्देश्य अधिक ग्राहकों को ICE- संचालित वाहनों के बजाय इलेक्ट्रिक वाहनों का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करना है। EV नीति के अनुसार, शहर में एक वित्तीय वर्ष में लगभग 6,201 ICE दोपहिया वाहनों का पंजीकरण किया जा सकता है।
कितने वाहनों का रजिस्ट्रेनशन?
चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल 2023 से शहर में लगभग 4,032 ICE दोपहिया वाहनों का पंजीकरण किया जा चुका है। वहीं, इस वित्तीय अवधि के दौरान केवल 257 इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का पंजीकरण किया गया है।
चंडीगढ़ प्रशासन की प्लानिंग?
चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्त वर्ष 2022-23 में लगभग 35 प्रतिशत ईवी पंजीकृत करने की योजना बनाई है। इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए 2023-24 के वित्तीय वर्ष में यह बढ़कर 70 प्रतिशत ईवी हो गया। इस बीच ई-कारों का पंजीकरण पिछले वित्त वर्ष के 10 प्रतिशत से बढ़कर इस वर्ष 20 प्रतिशत हो गया। ईवी नीति 2022 के तीसरे, चौथे और पांचवें वर्ष में नगर प्रशासन की योजना ई-दोपहिया और तिपहिया वाहनों के 100 प्रतिशत पंजीकरण की है, जबकि व्यक्तिगत उपयोग के लिए इलेक्ट्रिक कारों का पंजीकरण धीरे-धीरे बढ़कर 50 प्रतिशत हो जाएगा।