कानपुर। समुद्री गतिविधियों से सक्रिय हो रहे इस सीजन के पहले चक्रवाती तूफान मोचा को लेकर लोग सतर्क हैं और बराबर मौसम की खबरों पर नजर बनाये हुए हैं। मौसम विभाग ने पहले आशंका जताई थी कि अगर इसकी गति तेजी से बढ़ी तो उत्तर प्रदेश में भी इसका असर पड़ सकता है लेकिन अब सीएसए के मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि तूफान मोचा से उत्तर प्रदेश बेअसर रहने वाला है।
चन्द्रशेखर आजाद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस एन सुनील पाण्डेय ने सोमवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी मे मोचा चक्रवाती तूफान भयंकर रुप ले रहा है और पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में अगले तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। इसी सप्ताह यह तूफान पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तट से टकराएगा। बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर से जुड़े क्षेत्र में हवा की स्पीड 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की हो सकती है। इसको देखते हुए ओडिशा और पश्चिमी बंगाल के सभी जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा मछुआरों को गहरे समंदर में ना जाने की सलाह दी गई है। कहा गया है कि 8 से 11 मई के दौरान वे समुद्र में ना उतरें।
डॉ. पाण्डेय ने बताया कि मोचा तूफान की संभावित तबाही को देखते हुए आशंका जताई गई थी कि उत्तर प्रदेश में भी इसका असर पड़ेगा और तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। लेकिन अब देखा जा रहा है कि तूफान की गति उतनी अधिक नहीं है कि उत्तर प्रदेश में असर डाल सके। हालांकि इसके प्रभाव से पश्चिमी विक्षोभ कुछ हद तक सक्रिय हो सकते हैं जिससे हल्की हवा के साथ बूंदाबांदी पड़ सकती है।