गोंडा जिले में सूखा और बाढ़ से तबाह हुए किसानों को चिन्हित कर लिया गया है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित 9808 किसानों को बीमा लाभ के रूप में फसलों की क्षतिपूर्ति दी जाएगी। उप कृषि निदेशक प्रेम कुमार ठाकुर ने बताया कि किसानों को क्षतिपूर्ति देने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। संबंधित किसानों को सूचना दे दी गई है, जल्द ही उनको बीमा का लाभ दे दिया जाएगा।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जिले के 21509 किसानों ने अपनी खरीफ की फसल का बीमा कराया था। इन किसानों ने 99 लाख 97 हजार रुपये से अधिक की राशि बीमा कंपनी को प्रीमियम के रूप में अदा की थी। किसानों की मानें तो पहले सूखे की वजह से फसल की रोपाई समय से नहीं हो पाई। इससे उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ी। बाद में आई बाढ़ ने किसानों की फसलें चौपट कर दी। जिले के तरबगंज और करनैलगंज तहसील क्षेत्र में बाढ़ ने ज्यादा तबाही मर्चा थी। इन क्षेत्रों में बाढ़ में काफी किसानों की फसल बर्बाद हो गई। किसानों की सूचना पर बीमा कंपनी ने फसल नुकसान होने की सूचना दी।
इसके बाद कराए गए सर्वे में 9808 किसानों की फसल प्राकृतिक आपदा से अधिक प्रभावित मिली। इस पर बीमा कंपनी ने 3 करोड़ 9 लाख 34 हजार का भुगतान प्रभावित किसानों को देने का फैसला किया है। इनमें से कई किसानों को कंपनी ने भुगतान दे भी दिया है।
उप कृषि निदेशक ने बताया कि जिन किसानों को अभी तक बीमा का लाभ नहीं मिल पाया है उन्हें शीघ्र ही इसका भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। इसकी बराबर मॉनीटरिंग की जा रही है।