केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश के अंजॉ जिले के किबिथू गांव में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) का शुभारंभ किया। देश के गृह मंत्री अमित शाह की अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर चीन तिलमिला गया है। चीन ने इसे अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। बता दें कि चीन, भारत के अरुणाचल प्रदेश पर बेवजह विवाद खड़े करने की कोशिश कर रहा है।
गृह मंत्री ने शुरू की 48 अरब की योजनाएं
अब भारत सरकार इस सीमावर्ती राज्य में आधारभूत संरचना बनाकर और विकास योजनाओं को गति देकर चीनी मंसूबों को ध्वस्त करना चाह रही है। गृहमंत्री ने अपने अरुणाचल प्रदेश के दौरे के दौरान 48 अरब रुपए की विकास योजनाओं का शुभारंभ किया है। इन विकास योजनाओं का लक्ष्य है कि लोग वापस सीमावर्ती गांवों की तरफ लौटें। अपनी अरुणाचल प्रदेश यात्रा के दौरान अंजॉ जिले के सीमावर्ती गांव किबिथू में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश के सैनिकों ने यह सुनिश्चित किया है कि कोई भी हमारी सीमाओं पर नजर नहीं रख सकता है।
सीमावर्ती गांवों को मिलेंगी आधुनिक सुविधाएं
अमित शाह ने यहां ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ भी शुरु किया। इस कार्यक्रम में सीमावर्ती गांवों में बैंकिंग, बिजली, रसोई गैस, नौकरियां, जमीनी और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि किबिथू भारत का आखिरी नहीं बल्कि पहला गांव है। 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार ने चीन के साथ अपनी 3,800 किलोमीटर सीमा पर सैन्य और नागरिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए लाखों डॉलर खर्च किए हैं और चीन इससे चिढ़ गया है।