लखनऊ। वैज्ञानिक खेती के प्रचार-प्रसार के साथ ही किसानों को लाभप्रद खेती के लिए जागरूक करने में तेजी आएगी। विभाग उन्हें तकनीकी प्रबंधन, कृषि प्रसार आदि के बारे में जागरूक करेगा। इसके लिए सरकार ने 25 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
विशेष सचिव देवेन्द्र कुमार सिंह कुशवाहा ने कृषि निदेशक को जारी पत्र में कहा है कि राज्य पोषित कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए कृषि प्रसार, कृषि निवेश और तकनीकी प्रबंधन योजनांतर्गत कृषि सूचना तंत्र के सुदृढ़ीकरण एवं कृषक जागरुकता के लिए 25 करोड़ पांच लाख रुपये जारी किए गए हैं। स्वीकृत धनराशि के संबंध में कहा गया है कि जहां तक संभव हो व्यय की फेजिंग वित्त वर्ष की शेष अवधि के लिए प्रतिमाह समान रूप से की जाय।
पत्र में यह भी कहा गया है कि आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा कोषागार से धनराशि का आहरण तत्काल आवश्यकता होने पर ही किया जाय। यदि विभाग के आहरण एवं वितरण अधिकारी जनपद स्तर पर हैं तो जनपद स्तर पर व्यय की जाने वाली धनराशियों को संबंधित जनपदों के आहरण एवं वितरण अधिकारी को आवंटित की जाय। ऐसे मामलों में विभागाध्यक्ष स्तर पर एकमुश्त धनराशि का आहरण न किया जाय, क्योंकि धनराशि के एकमुश्त आहरण से राज्य के रोकड़ प्रबंधन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा अनावश्यक रूप से बैंकों में खाता खोलकर धनराशि जमा करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलता है। शासन की पूर्वानुमति के बिना कोई भी धनराशि बैंक खातों में नहीं रखी जाएगी। यदि ऐसा कोई तथ्य प्रकाश में आता है तो उसे गंभीर वित्तीय अनियमितता मानते हुए कार्यवाही की जाएगी।
पत्र में कहा गया है कि कृषि निदेशक लखनऊ जनता के बीच योजनाओं का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करेंगे। व्यय करने के लिए 13 मद दिए गए हैं। इसमें मजदूरी पर 39.20 लाख, यात्रा व्यय 15 लाख, कार्यालय व्यय 17.45 लाख, विद्युत देय चार लाख, लेखन सामग्री एवं फार्मों की छपाई 14 लाख, टेलीफान 20 लाख, मोटरगाड़ियों का अनुरक्षण और पेट्रोल आदि की खरीद 76.85 लाख, विज्ञापन दो लाख, अनुरक्षण 20 लाख, अन्य व्यय 2291.06 लाख, कम्प्यूटर एक लाख, कम्प्यूटर अनुरक्षण तथा तत्संबंधी स्टेशनरी क्रय पांच लाख रुपये जारी किया गया है।
वित्तीय स्वीकृति के साथ ही यह भी कहा गया है कि निकाय चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी है। इस कारण यह सुनिश्चित किया जाय कि कहीं से भी आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन न हो।