काशी के विश्व प्रसिद्ध रथयात्रा मेले में रौनक, दर्शन पूजन और परिक्रमा में जुटे श्रद्धालु

वाराणसी। काशी के लक्खा मेले में शुमार तीन दिवसीय रथयात्रा मेले के दूसरे दिन बुधवार को भी सुबह से ही मेला क्षेत्र में रौनक दिखी। लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन पूजन के लिए उमड़ते रहे। धूपछांव और उमस के बीच अलसुबह से पूरे दिन श्रद्धालु दर्शन-परिक्रमा के दौरान रथ के पहिए घुमा कर रथ खींचने की प्रतीेक परम्परा निभाते रहे। इस दौरान जय जगन्नाथ, हर-हर महादेव का उद्घोष भी श्रद्धालु करते रहे।

इसके पहले भोर में भगवान जगन्नाथ, भैया बलभद्र और बहन सुभद्रा की मंगला आरती पुजारी की देखरेख में हुई। प्रभु और उनके परिवार के काष्ठ विग्रह को लाल वस्त्र धारण कराया गया। सफेद और लाल रंग के फूलों से खास श्रृंगार किया गया। भगवान को छौंके हुए मूंग, चना, पेड़ा, गुड़ एवं खांड़सारी नीबू के तुलसीयुक्त शर्बत का भोग लगाया गया। श्रद्धालुओं और भजन मंडली ने प्रभु की स्तुति के साथ भजन भी गाए। दर्शन पूजन के बाद लोगों ने चटपटी चाट, गोलगप्पों,चाउमीन सहित अन्य व्यंजनों का स्वाद लेने के बाद नानखटाई और अन्य सामानों की खरीदारी की।

मेले में बच्चों ने अपने परिजनों के साथ खिलौने और गुब्बारों की खरीदारी के साथ झूले पर भी मस्ती की। उधर, ग्रामीण अंचल के राजातालाब भैरव तालाब में दो दिवसीय रथयात्रा मेले के अंतिम दिन ग्रामीणों की भारी भीड़ दर्शन पूजन के लिए उमड़ पड़ी। मेले में आये बच्चों और महिलाओं ने झूला, सर्कस, जादूगर, मौत का कुआं खेल का जमकर आनंद उठाया। मेले में गुब्बारा, खिलौना, मिठाई, आम तथा नानखटाई सहित विभिन्न प्रकार की दुकानों पर खरीददारों की भीड़ जुटी रही।

मेले में रथयात्रा मेला सुरक्षा समिति के अध्यक्ष राजकुमार राजभर की देखरेख में वालंटियर जहां सक्रिय रहे। वहीं, राजातालाब, रोहनिया, जंसा, कपसेठी, मिर्जामुराद थाने की पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर मेला क्षेत्र में भ्रमण करती रही। फायर ब्रिगेड व पीएसी के जवान भी चौकस दिखे।

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