एनसीआर में अवैध आतिशबाजी का कारोबार जारी, पुलिस की तमाम कोशिश असफल

एनसीआर में अवैध आतिशबाजी का कारोबार जारी, पुलिस की तमाम कोशिश असफल

नोएडा/गाजियाबाद, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। गाजियाबाद में 23 सितंबर को धमाके के बाद गिरे एक मकान में दबने से 4 लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस की जांच में पता चला कि घर में अवैध तरीके से आतिशबाजी बनाने का काम हो रहा था। पुलिस ने मामले की छानबीन को आगे बढ़ाया और अब तक अवैध आतिशबाजी का कारोबार करने वाले कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। यही हाल नोएडा में भी है।

नोएडा पुलिस भी लगातार कार्रवाई कर रही है। कई आतिशबाजी के तस्करों को पकड़ा गया है। लेकिन, फिर भी तस्करी और अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लग पा रहा है। एक तरफ एनसीआर में ग्रेप भी लागू है। प्रशासन की कोशिश है कि आबोहवा को बेहद खराब होने की स्थिति में पहुंचने से पहले संभाला जाए। तमाम प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। लेकिन, प्रदूषण के रोकथाम पर लगाम लगा पाना मुश्किल हो रहा है।

सोमवार को गाजियाबाद के थाना टीला मोड़ पुलिस ने दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से एक बोरी अवैध पटाखे बरामद किया है। थाना टीला मोड़ पुलिस टीम ने चेकिंग के दौरान सूचना पर अजय और आकाश को गिरफ्तार किया।

25 सितंबर को भी गाजियाबाद में हुए हादसे के बाद पुलिस हरकत में आई है और विस्फोटक सामग्री का थोक गोरखधंधा करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। उसके पास से कई टन विस्फोटक सामग्री और बम बनाने के उपकरण बरामद किए गए। पकड़ा गया आरोपी खुद आतिशबाजी बनाता भी था और शारिक जैसे आतिशबाजों को विस्फोटक सामग्री सप्लाई करता था।

थाना लोनी पुलिस ने अभियुक्त अरशद को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान आरोपी से पता चला है की वह अवैध रुप से पटाखे बनाकर अच्छा मुनाफा कमाता है तथा अब दीपावली त्योहार पर इस्तेमाल होने वाले पटाखे बना रहा था।

नोएडा में भी थाना नॉलेजपार्क पुलिस ने 29 सितंबर की अवैध पटाखों के साथ दो आरोपी को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से 7 प्लास्टिक के छोटे-बडे कट्टे जब्त किए थे, जिनमें विभिन्न कंपनियों के पटाखे बरामद हुए थे। पुलिस ने अभियुक्त विक्की चौहान और समीर चौहान को गिरफ्तार किया था।

चिंता की बात यह है कि लगातार प्रयास के बावजूद भी तस्करी और अवैध कारोबार पर लगाम नहीं लगाई जा सकी है। सरकार और तमाम एजेंसियों की रोक के बावजूद भी अवैध कारोबारी चोरी-छिपे अपना माल तैयार कर फुटकर दुकानों पर पहुंचा देते हैं। जहां से यह आसानी से आम जनता तक पहुंच जाते हैं।

–आईएएनएस

पीकेटी/एबीएम

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