एनआईए की 'दस्तक' के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता ने मुंबई पुलिस से की 'उत्पीड़न' की शिकायत

एनआईए की 'दस्तक' के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता ने मुंबई पुलिस से की 'उत्पीड़न' की शिकायत

मुंबई, 11 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा मुंबई और ठाणे में कई स्थानों पर छापेमारी के कुछ घंटों बाद अब्दुल वाहिद शेख नाम के एक मानवाधिकार कार्यकर्ता ने बुधवार को यहां केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर ‘उत्पीड़न’ का आरोप लगाते हुए मुंबई पुलिस से शिकायत की। 

एनआईए की अखिल भारतीय छापेमारी – प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ कार्रवाई के सिलसिले में – मुंबई के विक्रोली उपनगर में शेख का आवास भी शामिल था, जहां एक टीम सुबह-सुबह ऑपरेशन में उतरी थी।

जुलाई 2006 में मुंबई उपनगरीय ट्रेनों में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, जिसमें 209 यात्रियों की जान चली गई थी, शेख को नौ साल से अधिक समय तक हिरासत में बिताने के बाद 2015 में बरी कर दिया गया था।

मानव और कैदी अधिकार कार्यकर्ता ने कई बार दावा किया है कि बरी होने के बावजूद राज्य या केंद्रीय जांच एजेंसियां उन्हें परेशान कर रही हैं।

बुधवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे शेख के घर के पास जोरदार ड्रामा देखने को मिला, क्योंकि उन्होंने एनआईए के अधिकारियों के लिए दरवाजा नहीं खोला, लेकिन जब उन्होंने खुद को ‘पुलिस’ बताया, तब उन्हें आने के लिए कहा।

उन्होंने बाद में अपलोड किए गए एक वीडियो पोस्ट में कहा, “पुलिस होने का दावा करने वाले कुछ लोग सुबह 5 बजे मेरे घर आए। उन्होंने कोई सूचना नहीं दी और न ही अपनी पहचान बताई। उन्होंने एक दरवाजा तोड़ दिया और एक (सीसीटीवी) कैमरा नष्ट कर दिया। मेरी पत्‍नी और बच्चे अस्वस्थ हैं और हम सभी घर पर फंसे हुए हैं, मैंने तीन घंटे से अधिक समय तक दरवाजा नहीं खोला।”

शेख ने कहा कि उन्होंने स्थानीय पुलिस स्टेशन, मुंबई पुलिस आयुक्त और मीडिया से भी शिकायत की है, यहां तक कि उनके घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।

बुधवार सुबह से एनआईए ने पीएफआई विरोधी जांच के तहत महाराष्ट्र, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में कई स्थानों पर छापेमारी की और मुंबई में शेख के घर और ठाणे में अन्य स्थानों की तलाशी ली।

–आईएएनएस

एसजीके

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