उप्र : संवेदनशील जिलों के गांवों में राहत चौपाल लगाने के निर्देश

उप्र : संवेदनशील जिलों के गांवों में राहत चौपाल लगाने के निर्देश

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ की संभावनाएं बढ़ गयी हैं। इसको लेकर शासन स्तर से तैयारियां शुरू हो गयी हैं। राहत आयुक्त जी0एस0 नवीन कुमार ने गुरुवार को संवेदनशील जिलों के गांवों में राहत चौपाल लगाने के निर्देश दिये हैं। इन चौपालों में जन समुदाय के लोगों व ग्राम प्रधान के साथ-साथ राजस्व, सिंचाई, पुलिस, स्वास्थ्य, पशुपालन, पंचायती राज, बाल विकास एवं पुष्टाहार, शिक्षा, लोक निर्माण विभाग, कृषि, ग्राम विकास, खाद्य एवं रसद विभाग एवं उर्जा विभाग आदि अन्य विभागों के क्षेत्रीय ग्राम स्तरीय कर्मचारी एवं प्रतिनिधि प्रतिभाग करेंगे।

राहत आयुक्त ने बताया कि चौपाल का मुख्य उद्देश्य मुख्यतः आपदाओं से होने वाली हानियों को रोकना और न्यूनीकृत करना तथा ग्रामीण स्तर तक आम जनमानस को संभावित बाढ़ के दुष्प्रभाव से बचाना, भविष्य में घटित होने वाली आपदाओं के प्रति जागरूक कर समुदाय का समर्थन किया जाना है।

राहत आयुक्त ने निर्देश दिए कि जनपद में आयोजित ग्राम स्तरीय राहत चौपालों में जिलाधिकारी द्वारा कम से कम पांच राहत चौपाल, अपर जिलाधिकारी द्वारा कम से कम 10 राहत चौपाल, उप जिलाधिकारी द्वारा कम से कम 15 राहत चौपाल, तहसीलदार द्वारा कम से कम 20 राहत चौपाल में व्यक्तिगत रूप से प्रतिभाग करें। उन्होंने नायब तहसीलदार एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा उनके क्षेत्र के सभी राहत चौपालों में प्रतिभाग करने के भी निर्देश दिए।

राहत आयुक्त ने कहा कि संभावित बाढ़ के दृष्टिगत संवेदनशील गांव के प्रत्येक मजरे में राहत चौपाल प्राथमिकता के आधार पर आयोजित करें तथा चौपाल में सर्वप्रथम ग्रामवासियों से उपस्थित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को विशेष रूप से राजस्व कर्मी जो आपदा राहत के लिए सीधे तौर पर उत्तरदायी होते हैं। जैसे -स्थानीय लेखपाल, राजस्व निरीक्षक, नायब तहसीलदार आदि का परिचय ग्राम वासियों से कराएं, जिससे ग्रामवासियों को यह जानकारी रहेगी कि किसी भी आपदा के समय उन्हें किससे संपर्क करना है।

उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग के प्रतिनिधि विभाग द्वारा कराए जा रहे बाढ़ रोधी कार्यों के संबंध में उपस्थित जनसमुदाय को बताएं, साथ ही प्रबंधों की सुरक्षा हेतु क्या व्यवस्थाएं की गई हैं, यह भी प्रतिभागियों को बताया जाय।

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