आदिपुरुष में कुंभकरण का किरदार निभाने वाले लवी पजनी ने संवाद पर आपत्ति दर्ज कराई..

आदिपुरुष में कुंभकरण का किरदार निभाने वाले लवी पजनी ने संवाद पर आपत्ति दर्ज कराई..

आदिपुरुष में भगवान हनुमान सहित तमाम किरदारों के डायलॉग पर हुए विवाद के बाद मेकर्स ने इसे बदल दिया। बावजूद इसके लोगों का गुस्सा कम नहीं हो रहा है। अब आदिपुरुष में कुंभकरण का किरदार निभाने वाले लवी पजनी ने संवाद पर आपत्ति दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि हिंदू होने के नाते वो इन संवादों से आहत हैं। 

 प्रभास और कृति सेनन की आदिपुरुष अपनी रिलीज के साथ ही विवादों में घिर गई है। इसके संवाद पर आपत्ति दर्ज कराने वालों की लिस्ट में फिल्म में  कुंभकरण का किरदार निभाने वाले लवी पजनी का भी नाम शामिल हो गया है। उन्होंने आदिपुरुष के संवाद पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि फिल्म की ज्यादातर शूटिंग ग्राफिक्स के हिसाब से की है, इसलिए कलाकारों को स्टोरी प्ले के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता था।

आदिपुरुष के कुंभकरण को आया गुस्सा 

आजतक को दिए इंटरव्यू में ने कहा, “डायरेक्ट जो भी कहता है वो आपको करना होता है। क्योंकि आप अंडर कॉन्ट्रैक्ट में होते हैं। फिल्म कई भाग में बनती है, तो किसी को पता नहीं होता है कि ऑन स्क्रीन क्या जाने वाला है। एक हिंदू होने के चलते मुझे फिल्म के डायलॉग्स से ठेस पहुंची है’। लवी पजनी ने फिल्म ‘आदिपुरुष’ में अपने कुंभकर्ण के किरदार को लेकर भी खुलकर बात की। एक्टर ने बताया कि   इस कैरेक्टर को करने के लिए उन्हें स्पेशल डाइट फॉलो करना पड़ा और 6-7 किलो वजन बढ़ाया।

कोर्ट ने भेजा नोटिस

अब बदले हुए डायलॉग के साथ सिनेमाघरों में चल रही है लेकिन फिल्म का क्रेज बहुत कम है। हालांकि, डायलॉग राइटर मनोज मुंतशिर के लिए मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका में मनोज को हियरिंग  के रूप में शामिल करने के आवेदन को अनुमति दे दी। इस संबंध में कोर्ट ने उन्हें नोटिस भी जारी किया।

मेकर्स से पूछा ये सवाल

केंद्र से यह भी पूछा है कि सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 के तहत क्या कार्रवाई की जा सकती है। इस केस में अगली सुनवाई बुधवार को होनी है। इससे पहले सोमवार को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने सेंसर बोर्ड और आदिपुरुष के निर्माताओं को कड़ी फटकार लगाई थी।

आदिपुरुष में कुछ विवादास्पद संवाद के बारे में एक याचिका पर सुनवाई के दौरान, अदालत ने पूछा, “सेंसर बोर्ड क्या करता रहता है? आप आने वाली पीढ़ियों को क्या सिखाना चाहते हैं?” कोर्ट ने सुनवाई के दौरान निर्माता, निर्देशक और अन्य पक्षों की गैरहाजरी पर भी सवाल उठाए।

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