पाकिस्तान ने देश में बढ़ते आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए शुक्रवार को प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ एक चौतरफा आतंकवाद विरोधी अभियान की घोषणा की है। पाकिस्तान के जियो न्यूज ने इस बात की जानकारी दी है।
पीएम शहबाज शरीफ के नेतृत्व में हुई थी बैठक
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ देश के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व वाली राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की दो घंटे लंबी बैठक के बाद यह फैसला किया गया है।
देश से आतंकवाद के खात्मे के लिए लिया फैसला
हाल ही में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ संघर्ष विराम की विफलता के बाद पाकिस्तान में आतंकवादियों और पुलिस के बीच संघर्ष में तेजी देश में खतरनाक सुरक्षा स्थिति को दर्शाती हैं। पाकिस्तान से आतंकवाद के सभी रूपों को खत्म करने के लिए इस चौतरफा और व्यापक ऑपरेशन में राजनीतिक, कूटनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक स्तरों पर प्रयास भी शामिल होंगे।
आतंकवाद मुक्त पाकिस्तान पर बनी सहमति
जियो न्यूज की खबर के अनुसार, इस बैठक में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर, ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी जनरल शमशाद मिर्जा, रक्षा, वित्त और सूचना के संघीय मंत्री और वरिष्ठ सैन्य नेतृत्व भी मौजूद थे। बयान में कहा गया है कि बैठक में पूरे देश और सरकार की मदद से एक व्यापक अभियान शुरू करने पर सहमति बनी, जो देश को आतंकवाद के खतरे से मुक्त करेगा।
खैबर पख्तूनख्वा में 127 अधिकारियों ने गवाई जान
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने आतंकवाद के हालिया दौर को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के प्रति नरम रुख और लापरवाह नीति का परिणाम बताया, जो पूरी तरह से जनता की उम्मीदों और आकांक्षाओं के विपरीत था। द न्यूज इंटरनेशनल ने बताया कि इस साल जनवरी से मार्च तक खैबर पख्तूनख्वा में हुए अलग-अलद हमलों में 127 पुलिस अधिकारियों की मौत हुई है।
2023 में बढ़ी मरने वालों अधिकारियों की संख्या
एक अधिकारी के मुताबिक, उनमें से 116 जनवरी में, दो फरवरी में और नौ मार्च में मारे गए थे। 2023 की पहली तिमाही के दौरान हमलों में मारे गए लोगों में कम से कम चार पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) और कुछ वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। इससे पहले 2017 में 36, 2018 में 30, 2019 में 38, 2020 में 28 और 2021 में 59 पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया था, लेकिन 2023 में यह संख्या तेजी से बढ़ी है।
जनवरी माह में 96 पुलिसकर्मियों की हुई थी हमले में मौत
पिछले कुछ सालों से कई इलाकों में पुलिस चौकियों पर ग्रेनेड और भारी हथियारों से हमले हुए हैं। इस साल की सबसे हालिया घटना लक्की मरवत में हुई। जब एक हमले में डीएसपी इकबाल मोमंद और तीन अन्य पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी। चालू वर्ष के दौरान पुलिस पर सबसे भयानक हमला जनवरी में हुआ था, जब एक आत्मघाती हमलावर ने जोहर की नमाज के दौरान पेशावर पुलिस लाइन की मस्जिद में खुद को उड़ा लिया था। इस हमले में 100 से अधिक की जान गई थी, जिनमें 96 पुलिसकर्मी भी थे।