आज के लेख में हम रोने के फायदों के बारे में बताएंगे..

आज के लेख में हम रोने के फायदों के बारे में बताएंगे..

रोना मानव द्वारा अनुभव की जाने वाली एक भावना है। भावनाओं को उमड़ने देना यानी ज़ाहिर करना बहुत ज़रूरी होता है क्योंकि इसके कई सारे फायदे होते हैं। रोना आमतौर पर उदासी से जुड़ा होता है। मानव को खुशी, क्रोध और हताशा या अन्य भावनाओं में भी रोना आ सकता है। रोने को कई लोग कमजोरी की निशानी मानते हैं लेकिन ये एक ऐसा इमोशन है, जो आपके शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है। जी हां, अगर आप ये सुनकर चौंक गए, तो आज के लेख में हम रोने के फायदों के बारे में ही बात करने वाले हैं

1. इमोशनल: जब तनाव बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, तो ऐसे में आंखों से आंसू निकलता है। इससे भी फायदे होते हैं।

2. बसल: टियर डक्ट से लगातार आंसू निकलते रहते हैं, जिनमें प्रोटीन-रिच एंटीबैक्टीरियल लिक्विड होता है। ये पलक झपकने में मदद करते हैं।

3. रिफ्लेक्स: रिफ्लेक्स कुछ समय में होता है, जैसे- हवा, धुआं या फिर प्याज काटने की वजह से। इस दौरान आंखों से आंसू निकलने की वजह से आंखें सुरक्षित रहती हैं।

रोने से सेहत को होने वाले फायदे

2- मूड अच्छा होता है: रोने से हमारा मूड अच्छा हो सकता है और हमें बेहतर महसूस करने में मदद मिलती है। आंसुओं में एंडोर्फिन नामक प्राकृतिक दर्द निवारक होता हैं, जो हमें शांत और ज्यादा आरामदायक महसूस कराने में मदद कर सकता हैं।

3- शारीरिक रूप से फायदेमंद: रोने से शारीरिक तौर पर भी लाभ मिल सकता हैं, जैसे इससे आंखों को चिकनाई मिल सकती है और संक्रमण को रोका जा सकता है। आंसुओं में लाइसोजाइम होता है। लाइसोजाइम एक एंटी बैक्टीरियल एजेंट है जो संक्रमण से बचाने में मदद कर सकता है।

4- संचार- रोना अपनी भावनाओं को दूसरों तक पहुंचाने का एक तरीका हो सकता है। जब हम रोते हैं, तो हम दूसरों को संकेत देते हैं कि हम दुखी हैं और मुसीबत में हैं और हमें सहारे की जरूरत है।

5- ख़ुद के बारे में जानना- रोने से हमें खुद के बारे में जागरूक होने और अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिल सकती है। जब हम रोते हैं, तो हम इस बात पर विचार कर सकते हैं कि हमे रोना क्यों आ रहा है और इस रोने के कारण से कैसे निपटें।

रोना हमारी भावनाओं को व्यक्त करने का एक स्वाभाविक और स्वस्थ तरीका होता है। इसका हमारे शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर कई लाभ पड़ सकता हैं। जरूरत पड़ने पर खुद को रोने देना और अपने आंसुओं को दबाना नहीं जरूरी होता है। 

E-Magazine