आईए जानें बिहार की बबीता गुप्ता को किस काम के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित…

आईए जानें बिहार की बबीता गुप्ता को किस काम के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित…

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर केंद्र सरकार द्वारा विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिहार की बबीता गुप्ता को ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023’ से सम्मानित किया। वह स्वयं सहायता समूह (जीविका) की सक्रिय सदस्य हैं। अपशिष्ट प्लास्टिक से उपयोगी एवं सजावटी सामग्री बनाती हैं। उन्हें यह सम्मान प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन की श्रेणी में मिला है। समारोह में बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार भी शामिल हुए।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, जलशक्ति मंत्रालय द्वारा समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण, जल जीवन मिशन एवं नेशनल वाटर मिशन योजनाओं में उल्लेखनीय कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। बबीता मुजफ्फरपुर जिले के सकरा स्थित सीहो की रहने वाली हैं। जलशक्ति मंत्रालय, द्वारा स्वच्छता एवं पेयजल के क्षेत्र में कार्य करने वाली पूरे देश से डेढ़ दर्जन महिलाओं को इस पुरस्कार के लिए चुना गया था। राष्ट्रपति ने इस कार्यक्रम के दौरान अपने अभिभाषण में बबीता कुमारी के कार्यों का उल्लेख किया एवं उनकी पहल को अनुकरणनीय बताया। मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच का ही परिणाम है कि आज लाखों दीदियां अपने को आत्मनिर्भर बना रही हैं।

कभी गांवों में घूम बेचती थीं चूड़ियां आज देशभर में बबीता की खनक

सकरा की जीविका दीदी बबीता गुप्ता अपनी मेहनत व हुनर से महिलाओं के लिए मिसाल कायम की है। कभी गांव-गांव घूकर चूड़ियां बेचने वाली बबीता की हुनर की खनक आज देश भर में गूंज रही है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें ‘स्वच्छ सुजल शक्ति सम्मान 2023’ से पुरस्कृत किया है। बबीता गुप्ता को यह पुरस्कार प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन श्रेणी में मिला है।

जीविका दीदी बबीता गुप्ता प्लास्टिक व अन्य कचरे से सजावटी व पूर्ण उपयोगी सामग्री बनाकर अपने व्यवसाय में चार चांद लगा रही हैं। अपने हुनर से वह न सिर्फ खुद को आगे बढ़ा रहीं हैं बल्कि प्रखंड के विभिन्न गांवों की बेरोजगार महिलाओं को आर्थिक संबलता की और अग्रसर कर रही हैं। वह कचरे को कंचन करने का काम कर रही हैं। बबीता गुप्ता 200 महिलाओं का समूह बनाकर काम करती हैं। वह बताती हैं कि इससे छह से सात हजार रुपये प्रत्येक महीने कमाई होती है। डीडीसी, जिला जल एवं स्वच्छता समिति, वर्ल्ड विजन इंडिया और सकरा बीडीओ के नेतृत्व में 2022 से वह काम कर रहीं हैं। बबीता के साथ चंदन यादव, राजेश साह, रंजू देवी दिल्ली गईं हैं। बबीता गुप्ता ने बताया कि शादी के बाद उसके परिवार की आर्थिक हालत खराब थी। अचानक पति के दिव्यांगता से परिवार के सामने भुखमरी की नौबत आ गई थी। तब वह गांव-गांव में घूम-घूमकर चूड़ी बेचने का काम करने लगीं। वह 2012 में जीविका की सक्रिय सदस्य बनीं और वर्तमान में जीविका के सीएम पद पर काम कर रही हैं। इसी क्रम में 2020 में वर्ल्ड विजन संस्था से जुड़ी और 10 अगस्त 2022 को प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन इकाई सकरा से जुड़कर अपने सपनों को नई उड़ान दे रही हैं।

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