सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू जिला जेल में बंद पैरानायड सिजोफ्रेनिया बीमारी से पीड़ित नीदरलैंड के एक नागरिक की याचिका पर जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा है। याचिका में विशेष अस्पताल में उचित चिकित्सा प्रदान करने के लिए अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
पैरानायड सिजोफ्रेनिया में पीड़ित व्यक्ति में संदेह, जुनून या भ्रम की स्थिति बहुत ज्यादा होती है और ऐसी स्थिति में वह वैसा ही करने लगता है, जो उसे सही लगता है। याचिकाकर्ता 53 वर्षीय रिचर्ड डे विट को अप्रैल 2013 में हत्या के एक मामले में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि वह लगभग 10 वर्षों से जेल में है और जेल में इस बीमारी का कोई उचित इलाज उपलब्ध न होने के कारण उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती जा रही है। न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति पंकज मित्थल की पीठ के समक्ष शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई।
पीठ ने अपने आदेश में कहा कि नोटिस जारी किया जाता है और दो सप्ताह में इसका जवाब दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता टी. एल. गर्ग और रोहन गर्ग पेश हुए। याचिकाकर्ता ने उचित इलाज के लिए जम्मू जिला जेल से नई दिल्ली या नीदरलैंड में विशेष चिकित्सा संस्थान में भेजे जाने का अनुरोध किया है।