जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र के उपचार और प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए उत्तराखंड ने केंद्र से करीब दो हजार करोड़ रुपये का प्रारंभिक पैकेज मांगा है। राज्य सरकार ने अपने स्तर पर किए गए क्षति के आकलन के आधार पर पैकेज का खाका तय किया है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की जोशीमठ पर तैयार प्रारंभिक रिपेार्ट को पीएमओ को सौंप दिया है। पीएमओ राज्य के पैकेज ड्राफ्ट और एनडीएमए की रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है। इसके आधार पर जल्द राज्य के लिए आर्थिक पैकेज का आकार तय किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री के सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने केंद्र को प्रस्ताव भेजने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि पुनर्वास और जोशीमठ के संवेदनशील क्षेत्र के उपचार के लिए आवश्यक अनुमानित धनराशि का आकलन करते हुए आर्थिक पैकेज केंद्र सरकार को दिया गया है। जोशीमठ पर एनडीएमए की अंतिम रिपेार्ट आने पर इस राशि में बदलाव भी हो सकता है। जोशीमठ के लिए राज्य के बजट में करीब एक हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है। जोशीमठ में प्रभावित लोगों के लिए सरकार ने प्रथम चरण में आवासीय मुआवजा देना शुरू कर दिया है। भूमि के मुआवजे पर एनडीएमए की रिपोर्ट और केंद्र से पैकेज मिलने के बाद निर्णय किया जाना है।
क्या है मामला
सीएम सचिव, आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि जोशीमठ में भूधंसाव की समस्या यूं तो काफी समय से चल रही थी। लेकिन दो जनवरी को जल रिसाव बढ़ने के साथ ही वहां मकानों में दरारें आने का सिलसिला तेज हो गया था। इस वक्त 995 लोग विभिन्न राहत कैंप, रिश्तेदारों के पास या किराए के मकानों में रह रहे हैं। आर्थिक पैकेज का अनुमानित प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। उम्मीद की जा रही है जल्द इस पर तस्वीर साफ हो जाएगी।